जालौन। मित्र मोहत्सव में 108 पुरखों के पांव पखारकर व तिलक लगाकर उनका सम्मान किया गया। इसके अलावा उन्हें शॉल, अंगवस्त्र व छड़ी के साथ पानी की बोतल दी गई। रात्रि में बुंदेली कलाकारों द्वारा धनुष यज्ञ व परशुराम लक्ष्मण संवाद की लीला का मंचन किया गया। जिसे दर्शकों ने जमकर सराहा।


सांस्कृतिक धरोहर प्रचार प्रसार समिति के तत्वावधान में आयोजित 16वें मित्र महोत्सव में शोभायात्रा व बुंदेली विधाओं का प्रदर्शन किया गया था। बुंदेली विधाओं के प्रदर्शन के बाद 21 फुटा हनुमान मंदिर पर पुरखा पूजन का कार्यक्रम हुआ। जिसमें नगर व क्षेत्र के 75 वर्ष से 105 वर्ष की आयु के 108 पुरखों को बुलाया गया था। सभी पुरखों को कुर्सी पर बैठाया गया। इसके उपरांत परात में पुरखों के पांव पखारे गए। पुरखों के पैरों को धोकर अंगवस्त्र से उन्हें पोंछा गया। इसके बाद तिलक लगाकर मौजूद लोगों ने उनका आशीर्वाद लिया। समाजसेवी राजा सिंह सेंगर ने मालाएं पहनाकर उनका स्वागत किया। इस दौरान बुंदेली भजन व अचरी गायन भी चलता रहा। अंत में पुरखों को अंगवस्त्र, शॉल, पानी की बोतल व छ़ड़ी देकर उन्हें सम्मानित किया गय रात्रि में कालपी विधायक विनोद चतुर्वेदी ने रामलीला का शुभारंभ कराया। जिसमें धनुष यज्ञ व परशुराम लक्ष्मण संवाद की लीला का मंचन किया। सीता स्वयंवर में श्रीराम द्वारा धनुष तोड़े जाने के बाद पुष्प वर्षा की गई। वहीं धनुष टूटने की आवाज सुनकर वहां पहुंचे परशुराम का लक्ष्मण के साथ चुटीला संवाद हुआ। जिसे सुनकर दर्शक आनंदित हुए। परशुराम की भूमिका सुशील त्रिपाठी ने निभाई। इस दौरान सबसे वृद्ध 105 वर्षीय लल्लीराम भवानीराम, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लल्लूराम वर्मा की 104 वर्षीय पत्नी राजरानी, 103 वर्षीय रामेश्वर दोहरे समेत रूपनारायण द्विवेदी, लखन पुरवार आदि पुरखों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन मास्टर सुशील कुशवाहा, राजकुमार मिझौना, प्रयाग गुरू उरगांव ने किया। इस मौके पर दीपक मित्तल, लाल सिह ढोलक वादक, वीरेंद्र आचार्य, विजय वर्मा आदि मौजूद रहे।