माननीय राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों के अन्तर्गत आज माननीय जिला न्यायाधीश श्री तरूण सक्सेना के निर्देशन में जिला कारागार उरई में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया तथा शिविर में उपस्थित सिद्धदोष/विचाराधीन बन्दियों को महत्वपूर्ण कानूनी जानकारी प्रदान की गयी। आज का यह कार्यक्रम कोविड-19 से सम्बन्धित गाइड-लाइन के अन्तर्गत निर्गत प्रोटोकाॅल के अन्तर्गत सम्पन्न हुआ ।

इस कार्यक्रम में सहभागिता करते हुये सचिव श्रीमती रेनू यादव ने प्ली-बार्गेनिंग स्कीम, समयपूर्व रिहाई और बन्दियों के अधिकारों के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यदि कोई विचाराधीन बन्दी अधिकतम 07 वर्ष तक की सजा के मामलों में विचाराधीन है तो वह पीड़ित पक्ष से समझौता कर अपनी सजा न्यायालय से कम करा सकते है, लेकिन इस योजना का लाभ उनको नहीं मिलेगा जिन्होंने देश के विरूद्ध, महिलाओं एवं बच्चों के विरूद्ध अथवा बड़े आर्थिक अपराध के दोषी हों। उन्होंने इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की।
इस कार्यक्रम के उपरान्त विचाराधीन बन्दियों की समस्याओं के निराकरण हेतु और उनको विधिक सहायता पहंुचाने के लिये जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती रेनू यादव द्वारा जिला कारागार उरई की सभी बैरकों एवं लीगल एड क्लीनिक कार्यालय का भी निरीक्षण किया गया तथा वहां कार्यरत पैरालीगल वालंटियर्स से काम-काज के सम्बन्ध में पूछताछ की। बैरकों में निरूद्ध विचाराधीन/सिद्धदोष बन्दियों से वार्ता की तथा उनकी समस्याओं के निराकरण हेतु एवं कोविड-19 के बचाव हेतु पर्याप्त साफ-सफाई हेतु जिला कारागार प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। जिला कारागार में आज विशेष लोकअदालत का आयोजन भी किया गया।
इस अवसर पर प्रभारी अधीक्षक श्री तारकेश्वर सिंह, उपकारापाल श्रीमती हौशिला देवी, पीएलवी टीम लीडर श्री प्रतापभान एवं बृजेन्द्र सिंह, राजू उर्फ अनुज पटेल एवं महिला बन्दी कु0 जरीना समेत सिद्धदोष/विचाराधीन बन्दी उपस्थित रहे