कालपी(जालौन)। भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने सोमवार को विश्वासघात दिवस मनाते हुए तहसील परिसर में नारेबाजी करते हुये राष्ट्रपति को सम्बोधित चार सूत्रीय मांगों का ज्ञापन नायाब तहसीलदार को सौंपा।
भारतीय किसान यूनियन ने प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर सोमवार को तहसील परिसर में विश्वासघात दिवस मनाया। भकियू के तहसील अध्यक्ष अजय पाल सिंह उर्फ राजू मलथुआ ने कहा कि कृषि संबंधित कानून को निरस्त कराने के लिए एक वर्ष से अधिक समय तक किसानों का धरना चला। जिसमें 700 से अधिक किसानों ने दम तोड़ दिया था। धरने के दौरान नामजद किसानों के नाम वापस करने के बाद केंद्र सरकार ने कही थी। जिसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमालय प्रदेश,मध्यप्रदेश तथा हरियाणा के द्वारा प्रदान की गई थी। इसके बाद भी किसानों पर से मुकदमा नहीं हटाया गया है। जबकि किसानों ने धरना वापस ले लिया है। आंदोलन के दौरान शहीद परिवारों को हरियाणा उत्तर प्रदेश सरकार ने भी सैद्धांतिक सहमति दी है, पंजाब सरकार द्वारा भी इसकी सार्वजनिक घोषणा की गई है। बिजली बिल पर किसान पर असर डालने वाले प्रावधानों पर संयुक्त किसान मोर्चा के चर्चा के उपरांत ही बिजली बिल संसद में पेश किया जाएगा लेकिन बिजली बिल पर कोई चर्चा नहीं की जा रही हैं। इसी प्रकार उ.प्र. सरकार द्वारा घोषित लखीमपुर घटना में घायल किसानों को मुआवजा नहीं दिया गया है, लखीमपुर की घटना में संलिप्त अजय मिश्र टेनी की गिरफ्तारी भी नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि 9 दिसंबर तक घोषित समझौते को लागू किया जाए अन्यथा किसानों का यह प्रदर्शन जारी रहेगा।