जालौन-पूरे विश्व में तांडव मचा रही कोरोना महामारी का खौफ और लॉकडाउन के बीच अब जनजीवन सामान्य होने लगा है। खौफ और दहशत के बावूजद एक बार फिर जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है।ग्रामीण क्षेत्रों में लोग रोटी की जुगाड़ में लग गए हैं।रोजी-रोजगार का पहिया घूमने लगा है।गांवों में मनरेगा योजनाओं की शुरुआत हो गई है।
शासन से मनरेगा कार्य शुरु कराए जाने और इसमें मजदूरी मिलने से मजदूरों के चेहरे पर रौनक आ गई है।
जनपद जालौन के ग्राम पंचायत गायर में मनरेगा  का कार्य प्रारंभ है।
कार्य पर लगने से पहले सचिव नीता राठौर ने सभी मजदूरों से कहा कि मुँह पर मास्क व सोशल डिस्टेंसिस का पालन करे।
वही सभी मजदूरों द्वारा मुंह पर मास्क लगाकर व सोशल डिस्टेंस का पालन कर कार्य कर रहे।
सड़क पर मिट्टी डाल रहे मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन के बाद से ही काम न मिलने से घर का चूल्हा बड़ी मुश्किल से जल पा रहा था।जरूरी सामानों की खरीददारी नहीं हो पा रही थी, जिसके चलते घर बैठे यह सोच-सोच कर कि घर का खर्च कैसे चलेगा समझ में नहीं आ रहा था।लेकिन सरकार द्वारा लॉक डाउन के दौरान मनरेगा का कार्य शुरू कराए जाने से अब घर का खर्चा चलाने में दिक्कत नहीं आएगी।
मनरेगा मजदूर रामप्रकाश,समरथ,सुनील ने बताया कि ऐसी स्थिति कभी नहीं आती थी।सप्ताह में एक दो काम तो मिल ही जाता था लेकिन लॉक डाउन के चलते इस बार गांव में खेती बारी का काम भी ज्यादातर लोगों ने मशीन से कराया है। जिसके चलते मजदूरी का काम न मिलने से गृहस्थी चलाने में परेशानी हो रही थी।लेकिन अब गाँव मे सड़क खुदाई शुरू होने तथा इसमें काम करने से अब चिंता थोड़ी कम हुई है।
वही ग्राम प्रधान संजीव कुमार,सचिव नीता राठौर व पंचायत मित्र हिम्मत ने कहा कि शासन व अधिकारियों का आदेश मिलते ही हमने अपनी ग्राम पंचायत गायर में मनरेगा से कराए जाने वाले कार्य शुरू करा दिए हैं।
मजदूर मनरेगा में कार्य कर रहे हैं।
कार्य के दौरान सोशल डिस्टेंस के पालन का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
वास्तव में मनरेगा मजदूरों के समक्ष रोजी-रोटी की दिक्कत थी। लेकिन कार्य शुरू हो जाने से इनको राहत मिली।