दशहरी मंडियों में जाने को तैयार बढ़ता कटरपिलर का प्रभाव

 

लखनऊ । विश्व प्रसिद्ध मलिहाबादी दशहरी ने अपने स्वाद के कारण पूरी दुनिया का आकर्षण बना रखा है। लेकिन इस बार दुनिया के लोग दशहरे का स्वाद चखने से वंचित रह जाएंगे। उसका सिर्फ कारण है कोरोना ।

देश के सभी राज्यों में दशहरी आम सहित सभी आम देश के कोने कोने की मंडियों में जाने की सरकार ने छूट दे रखी है । ऐसे समय में कैटरपिलर नामक जिसे जाला रोग भी कहते हैं आम किसानों को परेशान कर रखा है। लगभग 15 दिन बाद मलीहाबादी दशहरी देश की मंडियों में पहुंचना शुरू हो जाएगी ।


मलिहाबाद में औसतन 6 लाख मैट्रिक टन आम का उत्पादन प्रतिवर्ष होता है। जिससे हजारों करोड़ का लाभ क्षेत्र के बागवान ओं सहित इससे जुड़े काम करने वाले मजदूरों को मिलता है ।
परन्तु कटरपिलर नामक कीटाणु अभी तक आम के बड़े साइज हो जाने पर भी बागों से समाप्त नहीं हुआ है। जिन बागों में आम के फल नहीं लगे हैं । उन बागों में आम की पत्तियों को खा कर के उन्हें नुकसान पहुंचा रहे हैं । किसानों को चाहिए कि तत्काल इस कटरपिलर से निजात पाने के लिए तुरंत छिड़काव करें। जिससे कि वह मलीहाबादी दशहरी साफ स्वच्छ सुंदर सुडौल आकर्षण रंग साथ ही अच्छा स्वाद बन सके। ऐसे में आमो की बागों में सिंचाई के साथ-साथ इसका स्प्रे भी तुरंत कराने की जरूरत है। अगर इस पर तुरंत ध्यान नहीं दिया गया तो मलिहाबाद क्षेत्र में होने वाले उत्पादन का दूसरे राज्यों की मंडियों में पहुंचना मुश्किल हो जायेगा। ऐसे में किसानों को बहुत हानिउठानी पड़ेगी। मलिहाबाद के माल ब्लाक के अमलौली गांव के अभय सिंह उर्फ तनु सिंह से उनकी बाग में छिड़काव के दौरान जो जमीनी हकीकत पाई गई है । वह यह है कि तुरंत बागवान ओं को सतर्क होकर अपनी बागों मैं छिड़काव कराएं । उसी पर एक बातचीत आपके साथ में————-

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