वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना ने आज यहाँ इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के विवेकानंद हॉल में नेशनल यूथ फेस्टिवल के अवसर पर आयोजित संस्कृतिक कार्यक्रम का दीप जलाकर शुभारंभ किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री श्री सुरेश राणा एवं खेल एवं युवा कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री उपेंद्र तिवारी, तथा अल्पसंखयक कल्याण एवं सिंचाई राज्य मंत्री श्री बलदेव सिंह औलख भी उपस्थित थे।
वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना ने इस अवसर पर कहा कि राष्ट्रीय युवा महोत्सव जिस भव्यता के साथ आयोजित किया गया यह बहुत ही सराहनीय कार्य है आयोजक मंडल को मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाइयां।

वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी के नाम लेने से ही मन मस्तिष्क में एक नई स्फूर्ति और विचार आ जाता है। देश और दुनिया में जितने भी समाज सुधारक हुए, जितने भी लोगों ने समाज को कोई न कोई दिशा दी है सभी ने पुरुषार्थ को सबसे अधिक महत्व दिया है। गीता के अनुसार किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति में 80 प्रतिशत योगदान पुरुषार्थ होता है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने कहा है कि ऐसी कोई बात जो वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार तर्क की कसौटी पर खरी नहीं उतरती हों उन्हें नहीं मानना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज की आवश्यकता यह है कि हम वर्षों से जिन रूढ़िवादी परंपराओं में जीते आए हैं अगर वर्तमान समय में हम उन्हें तर्कसंगत रूप से नहीं पाते हैं तो हम उनको मानने के लिए बाध्य नहीं है अर्थात हमें उसे स्वीकार नहीं करना चाहिए।
श्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने अपने ओजस्वी वाणी से ना केवल हिंदुस्तान की जनता को बल्कि संपूर्ण विश्व को इस क्षेत्र में प्रभावित किया और एक कीर्तिमान स्थापित किया। स्वामी विवेकानंद जी जैसे महापुरुष की शिक्षाएं किसी ना किसी रूप में अपने जीवन में आप में आत्मसात करने से हमें उसका लाभ जरूर मिलेगा। उन्होंने कहा कि व्यक्ति अपना कैरेक्टर रोल खुद लिखता है, हर आदमी अपनी किस्मत को खुद बनाता है। प्रायः देखने को मिलता है कि लोग अपनी असफलता अपनी किस्मत को कोसते हैं, अपना बैड लक बताते हैं और किसी न किसी रूप में उस असफलता को अपने ऊपर नहीं लेते हैं, यह सही नहीं है। इतिहास में बहुत से ऐसे महापुरुषों ने उदाहरण पेश किए हैं। जिन्होंने पदचिन्ह बनाए हैं जिन्होंने रास्ते दिखाए हैं और सैकड़ों, हजारों लोगों ने उस रास्ते पर चलकर कामयाबी को हासिल किया।
वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि युवाओं को भाग्य और मुकद्दर नाम की चीज अपनी डिक्शनरी से निकाल देना चाहिए, यदि लक्ष्य प्राप्ति में कोई चीज चीज प्रभावित करती है तो उसको करने दो। मेरा विश्वास है कि नेचर हमेशा पॉजिटिव रोल अदा करती है। जो भी लक्ष्य तय करें उसकी प्राप्ति में यदि पूरे समर्पण भाव से काम करते हैं तो निश्चित रूप से भगवान हमारी मदद करता है। हमारा उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए, उद्देश्य प्राप्त करने के लिए जो रास्ता हमने चुना है उसमें क्लियरटी भी होनी चाहिए। निश्चित रूप से अगर हम इसको अपने जीवन में आत्मसात करेंगे तो हमें सफलता जरूर मिलेगी। असफलता इस बात को सिद्ध करती है कि सफलता के लिए पूरा योगदान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि यहां बैठे हुए सभी लोगों को गीता के बारे में जरूर जानकारी होनी चाहिए। हमें गीता से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नौजवानों के पास समय की अधिकता होती है लेकिन यदि वे टाइम टेबल बना लें और समय को बर्बाद ना करें तो यह जिंदगी की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।
गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री श्री सुरेश राणा ने इस अवसर पर कहा कि युवा आबादी भारत के उज्जवल भविष्य के लिए काम करना चाहती है, भारत को महान बनाना चाहती है और स्वामी विवेकानंद जी के सपने को साकार बनाना चाहती है। देश के विभिन्न कोनों से आए नौजवानों को मैं कहना चाहता हूं कि आपके मन में जो सपना है, कल्पना है आप उन सपनों को साकार करने में सफल साबित होंगे।
विवेकानंद जी के द्वारा शिकागो में आयोजित विश्व धर्म सभा में दिए गए भाषण की पूरी दुनिया में आज भी चर्चा होती है। इस अवसर पर उन्होंने युवाओं को देश के विकास और देश को महान बनाने में अपने योगदान दिए जाने के लिए प्रोत्साहित किया।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री (राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार) श्री उपेंद्र तिवारी ने इस अवसर पर कहा कि प्रतियोगिता के माध्यम से प्रतिभागियों में प्रतिस्पर्धा का भाव आता है, प्रतिस्पर्धा के माध्यम से अच्छी प्रतिभाएं उभरकर सामने आती है। देश के राज्यों से आई हुई प्रतिभाओं ने अपनी प्रतिभा का राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभा दमखम दिखाया है।