11 वर्षों से जुगाड़  के भवन में हो रहा आंगनबाड़ी केंद्र संचालि

जांजगीर चांपा जिले के  डभरा ब्लॉक क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पलियामुंडा एवं ग्रामपंचायत निमोही के आश्रित ग्राम  कान्हाकोट  का भवन बरसो से जर्जर हो चुका है वहा कार्यकर्ता के घर पर आंगनबाड़ी संचालित किया जा रहा है डभरा ब्लॉक के कई आंगनबाड़ी केंद्रों का बुरा हाल है दूसरी तरफ ग्राम  पंचायत गाड़ापाली के आश्रित ग्राम फलियामुण्डा में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र जुगाड़ के भवन में चल रहा है  वहीँ  सन 2008 में शासन द्वारा ग्राम पलियामुंडा में नए आंगनबाड़ी केंद्र की स्वीकृति दी गई थी परंतु आज तक शासन द्वारा नए आंगनबाड़ी भवन का निर्माण नहीं कराया गया हैं वही आंगनबाड़ी केंद्र 11 वर्षों से जुगाड़ के भवन सामुदायिक भवन एक कमरे में लगाया जा रहा है इन 11 बरसो के बाद भी अनौपचारिक नन्हे बच्चों के लिए एक भवन तक नसीब नहीं हुआ है आंगनबाड़ी में 3 से 6 साल तक के 15 अनौपचारिक बच्चे शिक्षा ले रहे हैं खेल खेल में बौद्धिक शारिरिक मानसिक  विकास होता है परंतु यहां सब उल्टा साबित हो रहा है कि नौनिहालो को अनुकूल भवन नहीं मिलने के कारण बौद्धिक शाररिक मानसिक विकास सही ढंग से नहीं हो पा रहा है  खेलने कूदने के लिए जगह तक नहीं है भवन नहीं होने के अनौपचारिक बालक बालिकाओं का सृजनात्मक  बोली भाषा का  विकास नहीं हो पा रहा है जबकि आंगनबाड़ी केंद्रों में स्कूल जाने के पूर्व आंगनबाड़ी से ही शिक्षा मिलती है ताकि बच्चों को शाला प्रवेश के समय कोई असुविधा ना हो आंगनबाड़ी केंद्रों में नारा है कि बच्चा है एक खिलता फूल देखभाल में करो ना भूल आंगनबाड़ी के एक ही आस मां बच्चों का हो  विकास जबकि भवन नहीं होने के कारण यह सब उल्टा साबित हो रहा है वहीँ आंगनवाड़ी केंद्रों में गर्भवती शिशुवती माताओं  को पोषण आहार दिया जाता है बच्चों को पोषण आहार के साथ-साथ कई अन्य टिप्स दिए जाते हैं ।परन्तु भवन नहीं होने से  नौनिहालो के भविष्य अंधकार में है।

सूत्र-सम्पत बरेठ