12-14 अक्टूबर 2019 को ‘फिल्म लैंड’ में जुटेंगी तमाम शख्सियतें

पं. परशुराम द्विवेदी पी जी कालेज, जगम्मनपुर के सभागार में होगा जमावड़ा

जालौन : के. आसिफ चंबल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के तीसरे संस्करण का आयोजन पं. परशुराम द्विवेदी पी जी कालेज, जगम्मनपुर के सभागार में आयोजित किया जा रहा है। तीन दिवसीय यह आयोजन आगामी 12-14 अक्टूबर के बीच चंबल घाटी के बीचो बीच होगा। जिसमें देश-विदेश में बनी सरोकारी फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी साथ ही विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम किये जाएंगे। फिल्म फेस्टिवल का उद्धाटन दिन में 12 बजे से होगा। फिल्म फेस्टिवल की तैयारी को लेकर इटावा, औरैया, जालौन के बीहड़ी गांवो में सघन जनसंपर्क किया जा रहा है।

दुनियां की 150 भाषाओं में गजल गाकर तीन बार गिनिज बुक में अपना नाम दर्ज कराने वाले डा. गजल श्रीनिवास चंबल गीत का वीडियो वर्जन ला रहे हैं। चंबल गीत की वीडियो उद्घाटन समारोह में दर्शको को दिखाई जाएगी। डा. श्रीनिवास पांच नदियों के संगम पचनदा पर 12 अक्टूबर की शाम को 5:30 पर चंबल गीत का लाईव कंसर्ट करेंगे। चंबल गीत अपनी बानगी में सुघड़ बन पड़ा है। गीत मधुर और ओज का संगम है। उसके कथ्य में चंबल की भावभूमि है, तो इतिहास और संस्कृति की झलक भी। गीत में वाद्ययंत्रों के अपूर्व संयोजन से, चम्बल की धारा का कलकल निनाद और उसके कूल-कछारों में पंछियों की चहचहाहट का जो प्रभाव उत्पन्न किया गया है वह गीत को और भी जीवन्त बनाता है। इस गीत को चंबल की संपूर्ण की अवाम को समर्पित किया गया है।

अयोध्या और कारगिल में सबसे पहले फिल्म समारोहो की नींव रखने वाले प्रसिद्ध दस्तावेजी फिल्म निर्माता शाह आलम ने कहा कि देश के सबसे बड़े गुप्त क्रांतिकारी दल ‘मातृवेदी’ का दस्तावेजीकरण करने के लिए चंबल के बीहड़ों में 2800 किमी से अधिक साइकिल से दौरा किया था। शाह आलम ने कहा कि के. आसिफ के सिनेमा के प्रति दिवानगी और जुनुन ने प्रभावित किया और मलाल भी हुआ कि यह काम सरकारो को करना चाहिए था लेकिन उन्होने कुछ नही किया। लिहाजा उनकी यादें संजोने के लिए चंबल घाटी में अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह की श्रृंखला शुरु कर दी। दिन-ब दिन तमाम अड़चनो के बाद भी यह कांरवा आगे बढ़ता जा रहा है।

 

गौरतलब है कि हिंदी सिनेमा को माइलस्टोन फ़िल्म देने वाले डायरेक्टर के आसिफ के 97 वें जन्मदिन से पहले गोवा मुक्‍ति‍ आंदालन के प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कृष्ण चन्द्र सहाय ने लखनऊ में पोस्टर को जारी किया था। वो इस फेस्टिवल को लेकर खासे उत्साहित हैं। दरअसल चम्‍बल घाटी शांति‍ मि‍शन के संयोजक रहे कृष्ण चन्द्र सहाय ने चंबल घाटी में बि‍नोवा जी और जयप्रकाश नारायण के बाद के 651 बागियों के आत्‍म समर्पणों के जीवंत दस्तावेज हैं।