भारी मात्रा में किया गया डीजल पेट्रोल बरामद
कालपी। गत देर शाम एसटीएफ की छापेमारी में हाईवे पर डीजल ,पेट्रोल के अवैध कारोबार का खुलासा हुआ है। यहां से तीन हजार लीटर से अधिक डीजल और पेट्रोल के साथ पेट्रोलियम कंपनी की डीजल भरी गाड़ी भी बरामद हुई है। टीम ने इस मामले में सपा नेता सहित पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
विदित हो कि पूर्व विधायक छोटे सिंह चौहान के ढाबा के सामने काफी समय से नगर के मोहल्ला भ_ीपुरा निवासी पूर्व सभासद रफाकत अली उर्फ लाला की कबाड़ की दुकान संचालित है जहां पर लोहा आदि सामान के साथ डीजल पेट्रोल की खरीद और बिक्री भी की जाती थी और यह कारोबार खुलेआम वर्षों से चल रहा था लेकिन जिम्मेदारों की नजर इस कबाड़ की दुकान की तरफ नहीं परंतु बीती देर शाम एसटीएम कानपुर यूनिट के सब इंस्पेक्टर राहुल परमार की टीम ने वहां पर छापेमारी की तो वहा पर डीजल और पेट्रोल के अवैध कारोबार की भी पुष्टि हुई है। आज सीओ डा. देवेंद्र पचौरी और कोतवाली प्रभारी कामता प्रसाद ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि टीम को हाईवे किनारे स्थित लाला कबाड़ी की दुकान से चौदह ड्रमों में डीजल लगभग 2800 लीटर और दो ड्रम पेट्रोल लगभग 440 लीटर के अलावा रिलायंस कंपनी की डीजल भरी गाड़ी के साथ तमाम तरह के उपकरण भी मिले हैं। कोतवाली पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किए गए सपा नेता सैफ अली पुत्र रफाकत अली निवासी भ_ीपुरा कालपी के साथ भूरा पुत्र गफ्फार निवासी राजघाट कालपी, बरकत अली पुत्र सोहरत अली निवासी भ_ीपुरा के साथ मुस्ताक पुत्र कल्लू निवासी मिर्जामंडी कालपी तथा इरफान पुत्र इकराम निवासी सदर बाजार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। छापेमारी के दौरान उपनिरीक्षक राजेश कुमार, एसटीएफ कानपुर यूनिट के सब इंस्पेक्टर राहुल परमार, मुख्य आरक्षी सर्वेश सहित कोतवाली पुलिस भी मौजूद रही।
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हाईवे पर अन्य स्थानों पर भी होता है डीजल पेट्रोल का अवैध कारोबार
एेसा भी नहीं है कि पेट्रोलियम कंपनी की गाडिय़ों के अलावा अन्य भारी वाहनों से डीजल निकालने का यह गोरखधंधा काफी पुराना है। यह लोग पेट्रोलियम कंपनी के टैंकरों तथा अन्य वाहनों से औने पौने दामों में खरीदकर पेट्रोल पंपों से कम कीमत पर बेचते है जिसमें पकड़े गए अड्डे के साथ जोल्हूपुर में ढाबा के पीछे और उसरगांव में भी हाईवे किनारे कई जगहों पर डीजल पेट्रोल का अवैध कारोबार संचालित है।
हाईवे किनारे कबाड़ की दुकानों की लंबी श्रंखला
राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे कबाड़ का कारोबार भी काफी पुराना है जिसमें शायद कमाई भी अधिक है और इसी के चलते यमुना पुल से शुरू हुई दुकानों की श्रंखला उसरगांव पार हो जाती है जो शाम होते ही गुलजार हो जाती है जहां पर हर तरह के सामान की खरीद और बिक्री होती है।
तो वहीं हाईवे अथारिटी की भूमिका भी संदेह के दायरे में
विदित हो कि राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण के अनुसार हाईवे की जद में किसी भी प्रकार का कारोबार वर्जित है लेकिन इसके बावजूद अमलतास तिराहे पर हाईवे सीमा में ईंटों के अवैध कारोबार के साथ पकड़े गए कबाड़ी की दुकान भी हाईवे की सीमा में है। इसके अलावा अन्य स्थानों पर भी हाईवे की सीमा में अवैध कारोबार संचालित है जिससे प्राधिकरण के जिम्मेदारों की भूमिका भी संदेह के दायरे में है।
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डीजल पेट्रोल के अवैध कारोबार में आपूर्ति विभाग और पेट्रो कंपनियों पर भी सवाल
विदित हो कि डीजल पेट्रोल की बिक्री बगैर लाइसेंस के नहीं की जा सकती है इसके लिए पेट्रोलियम कंपनी के साथ आपूर्ति विभाग से भी अनुमति लेनी होती है लेकिन यहां तो डीजल पेट्रोल की खरीद और बिक्री का गोरखधंधा काफी दिनों से चल रहा था लेकिन हैरत की बात यह है कि प्रतिदिन हाईवे से ही गुजरने वाले आपूर्ति विभाग और पेट्रोलियम कंपनी के जिम्मेदारों की नजर यहां तक नहीं पहुंच सकी है। लोग इस गोरखधंधा के लिए आपूर्ति विभाग और पेट्रोलियम कंपनी के जिम्मेदारों की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं।
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जांच हुई तो कई बड़े चेहरे हो सकते हैं बेनकाब
हाईवे पर हो डीजल पेट्रोल के अवैध कारोबार का एसटीएफ ने तो खुलासा कर दिया है लेकिन अरसे से यह अवैध कारोबार हाईवे पर कैसे संचालित हो रहा था यह सवाल अब सबके जहन में कौंध रहा है। सूत्रों की मानें तो शासन ने इस मामले का संज्ञान लिया और जांच कराई तो इस मामले में चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। हालांकि इस कारोबार के खुलासे के बाद कई नाम फिजा में तैर रहे हैं जिसमें भाजपा के एक बड़े नेता के पुत्र का नाम भी खासा चर्चाओं में है।
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प्रशासनिक संरक्षण से भी नहीं किया जा सकता इनकार
काफी वर्षों से नेशनल हाईवे के किनारे कबाड़ी की दुकान पर पेट्रोल और डीजल का अवैध कारोबार बेरोकटोक संचालित था। एेसा नहीं कि प्रशासन को इसकी जानकारी न हो लेकिन चर्चाओं के मुताबिक इस कारोबार में बड़ी संख्या में प्रतिमाह नजराना दिया जाता था। खास बात यह है कि हाईवे के किनारे की यह जमीन उसे किसके रहमोकरम पर दी गई है तथा नेशनल हाईवे या वन विभाग कालपी किसकी सीमा पर यह जगह आती है यह भी जांच के दायरे में है।