शीतलहर के दुष्प्रभाव के बचने के लिये क्या करें, क्या न करें-एन डी शर्मा मुख्य चिकित्सा अधिकारी

उरई(जालौन)।वर्तमान में शीत लहर का प्रकोप जारी है एवं शीत लहर से व्यक्ति सुरक्षित रहे तथा बीमार न पड़ें
एवं शीत लहर से शरीर को कोई नुकसान न हो।
इसके सम्बन्ध मे जालौन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा० एन०डी० शर्मा ने बताया जहाँ तक सम्भव हो रात मे तथा जल्दी सुबह घर के अन्दर रहे तथा अति आवश्यक होने पर दिन के समय ही घर से बाहर जाये।
अनेक सतह के ढीले ऊनी कपड़ो का प्रयोग करें।

जुकाम, नाक बहने, नाक से खून आने की स्थिति मे तत्काल डाक्टरों को दिखाय सब्जियो तथा फलो का प्रयोग करे जिससे पर्याप्त विटामिन सी शरीर को मिले एवं प्रतिरोधक क्षमता बढ़े, खाली पेट घर से बाहर न जाये तथा पौष्टिक आहार ले।
गर्म पेय पदार्थ चाय / काफी गुनगुने पानी का सेवन खूब करें।
बच्चों, बुजुर्गों, कमजोर व्यक्तियो की विशेष देखभाल करें। बन्द जगह / कमरे मे कोयला न जलाये जहरीली गैस कार्बन मोनोअक्साइड घातक हो सकती है।

क्या न करें :-

ज्यादा देर तक ठण्ड मे न रहे।
शराब का सेवन न करें।
ठण्ड लगी उगली / हाथ पैर में मालिश न करे। यदि व्यक्ति पूरी तरह से होश में न हो तो पेय पदार्थ न दे।
ठण्ड लगने का लक्षण
हाथ / पैर की उंगलिया सफेद पड़ना / नाक / कान सफेद पड़ना। शरीर का तापमान कम होना / कंपकपी होना / बोलने में कठिनाई, नींद न आना, जकड़न, सांस लेने में दिक्कत, कमजोरी, सुस्ती आना।
जुकाम होने पर डा० का दिखाना / हाइपोथर्मिया मेडिकल इमर्जेन्सी है तत्काल ही मरीज को गर्म जगह पर रखे।
कम्बल से ढके तथा गर्म पेय पदार्थ पिलाये।

रिपोर्ट-अमित कुमार उरई जनपद जालौन उत्तर प्रदेश।

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