अनाज बैंक का उद्देश्य रहता है कि यहाँ की निकासीधारक महिलायें अपने आपको एक परिवार की तरह ही समझें. उनके भीतर किसी तरह की हीन भावना अथवा कमजोर होने का भाव पैदा न हो. इसी कारण इन महिलाओं को न केवल खाद्यान्न वितरण किया जाता है वरन समय-समय पर इनकी अन्य प्रकार से मदद भी की जाती है. पर्वों, त्योहारों पर भी इन महिलाओं को एक परिजन की भांति ही समझा जाता है. उक्त विचार अनाज बैंक प्रबंधक धर्मेन्द्र कुमार ने व्यक्त किये. कोई भी भूखा न सोये उद्देश्य के साथ आरम्भ हुआ बुन्देलखण्ड के पहले अनाज बैंक के उरई स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में अगस्त माह का वितरण किया गया. इस वितरण में नियमित रूप से दिए जाने वाले पाँच किलो अनाज के साथ चीनी एवं अन्य खाद्य सामग्री भी प्रदान की गई.

बुन्देलखण्ड जोन महाप्रबंधक डॉ. कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने बताया कि आने वाले सप्ताह में रक्षाबंधन और स्वतंत्रता दिवस को सभी लोग धूमधाम से मनाने जा रहे हैं. अनाज बैंक की महिलाएँ भी देश की इस ख़ुशी में शामिल हो सकें इसलिए उनको अनाज के साथ अन्य खाद्य सामग्री भी प्रदान की गई है. इसी क्रम में आज़ादी का अमृत महोत्सव आयोजन के बारे में उन्होंने वहाँ उपस्थित महिलाओं को इसकी जानकारी दी. इसके साथ ही उनको हर घर तिरंगा अभियान के बारे में बताते हुए तिरंगे की आन-बान-शान के बारे में भी महिलाओं को जागरूक किया गया.

अनाज बैंक निदेशक डॉ. अमिता सिंह ने कहा कि उनका उद्देश्य महिलाओं को केवल अनाज वितरण कर देना नहीं है बल्कि इन महिलाओं में स्वाभिमान, अपने प्रति सम्मान का भाव भी जगे. वे खुद को दीन-हीन न महसूस करें. आज़ादी का अमृत महोत्सव आयोजन में अनाज बैंक की इन महिलाओं की भी भूमिका रहे, इनकी भी सहभागिता हो इसकी व्यवस्था अनाज बैंक द्वारा की जा रही है. 11 तारीख से 17 तारीख तक मनाये जाने वाले हर घर तिरंगा अभियान में इन महिलाओं के घरों पर भी अनाज बैंक के द्वारा तिरंगा लगाया जायेगा. इससे महिलाएं अपने राष्ट्रीय ध्वज के प्रति खुद को जोड़ सकेंगी, गर्व का अनुभव कर सकेंगी.
वितरण के इस अवसर पर मुन्नी देवी, गीता देवी, ब्रजकुँवर, रानी, सुमिंत रानी, सुधा देवी, बेटी बाई सहित अनेक महिलाएं उपस्थित रहीं.