कोरोना वायरस महामारी के बीच देश में जल्दी ही वैक्सीन आ सकती है. पीएम नरेंद्र मोदी भी इस बात की तरफ इशारा कर चुके हैं. वहीं, वैक्सीन को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकारें रूपरेखा बनाने में जुट गई हैं. ऐसे में उम्मीद है कि देशवासियों को जल्द ही कोरोना महामारी से निजात मिल सकती है. लेकिन इन सबके बीच आपके मन में सवाल होगा कि आखिर वैक्सीन कहां और कैसे लगाई जाएगी? वैक्सीन सबसे पहले किन लोगों को दी जाएगी? वैक्सीनेशन (टीकाकरण) की पूरी प्रक्रिया क्या होगी?

सबसे पहले किसे मिलेगी वैक्सीन?

आपको बता दें कि कोरोना वैक्सीन सबसे पहले हेल्थ केयर वर्कर (1 करोड़), फ्रंटलाइन वर्कर (2 करोड़) और 50 वर्ष से अधिक उम्र के (26 करोड़) लोगों को दी जाएगी. इसके बाद 50 वर्ष से कम उम्र के उन लोगों को वैक्सीन दी जाएगी, जो किसी पुराने गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, ऐसे लोगों की संख्या करीब 1 करोड़ है. यानी कि फेज-1 की प्लानिंग में कुल 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन की डोज दी जाएगी.

वैक्सीनेशन साइट पर क्या होंगे नियम?

बात अगर वैक्सीनेशन साइट की करें तो एक वैक्सीनेशन साइट पर एक दिन में अधिकतम 100 लोगों को वैक्सीन देने की उम्मीद है. लेकिन अगर किसी वैक्सीनेशन साइट पर पर्याप्त लॉजिस्टिक और वेटिंग रूम, ऑब्जर्वेशन रूम के साथ क्राउड मैनेजमेंट की सुविधा भी है, तो एक और वैक्सीनेटर ऑफिसर जोड़कर 200 लोगों के लिए दिन में वैक्सीनेशन सत्र किया जा सकता है. यानी कि 1 दिन में वैसे तो 100 लोगों को ही टीका लगाया जाना चाहिए, लेकिन अगर पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं तो 200 लोगों तक को टीका लगाया जा सकता है.

अगर किसी सूरत में 200 से ज्यादा लोगों को एक सत्र के अंदर टीका लगाया जाना तय किया जा रहा है तो 5 लोगों की पूरी टीम अलग से तैनात करनी होगी. जिसमें एक वैक्सीनेटर ऑफिसर और चार वैक्सीनेशन ऑफिसर होंगे. इसके बाद बाकी आबादी को वैक्सीन इस बीमारी के फैलाव और उपलब्धता के आधार पर दी जाएगी.

कैसे होगी लोगों की पहचान?

लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में तैयार की गई वोटर लिस्ट के आधार पर 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों की पहचान की जाएगी. Co-WIN नाम के डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए लाभार्थियों को ट्रैक किया जाएगा. इस प्लेटफॉर्म पर सभी जानकारी रियल टाइम में अपडेट की जाएंगी. यहां ये बात जान लीजिए कि वैक्सीनेशन साइट पर केवल उन्हीं लाभार्थियों को टीका लगाया जाएगा जो प्राथमिकता के आधार पर पहले ही रजिस्टर्ड हो चुके हैं.

ऐसा बिल्कुल भी नहीं होगा

ताजा समाचार को मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं होगा कि कोई व्यक्ति तुरंत वैक्सीनेशन साइट पर पहुंचकर अपना रजिस्ट्रेशन कराए और टीका लगवा ले.

राज्य सरकारें कर रही हैं प्लानिंग

वैक्सीनेशन को लेकर राज्यों से कहा गया है कि वह सत्रों के हिसाब से वैक्सीनेशन की प्लानिंग करें. एक सत्र में 100 लाभार्थियों को ही टीका लगाएं. वैक्सीनेशन प्रक्रिया चुनाव प्रक्रिया की तरह ही चलाई जाए. मालूम हो कि केंद्र सरकार के 23 अलग-अलग मंत्रालय मिलकर वैक्सीन के काम मे लगे हुए हैं.

टीका लगने के बाद क्या होगा?

यही नहीं, कोरोना वैक्सीन ड्राइव के दौरान वैक्सीन और टीकाकरण कार्यक्रम में भरोसा बना रहे, इसलिए राज्यों को कहा गया है कि वो जल्द से जल्द एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन यानि टीका लगने के बाद होने वाली प्रतिकूल घटनाओं का पता लगाएं और उस पर कार्रवाई करें, क्योंकि वैक्सीन नई है और कम समय में बहुत से लोगों को वैक्सीन देनी है, इसलिए ऐसा करना अहम होगा.

टीकाकरण/वैक्सीनेशन कार्यक्रम की टाइमिंग

टीकाकरण कार्यक्रम सुबह 9:00 से शाम 5:00 बजे तक चलेगा. लाभार्थी यानी जिनको टीका लगाया जाना है, उनको अलग-अलग समय पर बुलाया जाएगा, जिससे की भीड़-भाड़ ना हो.

एक वैक्सीनेशन साइट में तीन कमरे/एरिया होने चाहिए

1. वेटिंग रूम या एरिया

2. वैक्सीनेशन रूम

3. ऑब्जर्वेशन रूम

ऑब्जर्वेशन रूम यानी वह जगह जहां पर टीका लगवाने के बाद लाभार्थी को 30 मिनट इंतजार करना होगा. इस कमरे में पीने के पानी और टॉयलेट की सुविधा रखने के निर्देश दिए गए हैं. टीका लगने के बाद 30 मिनट का इंतजार इसलिए करना जरूरी है ताकि यह देखा जा सके कि कहीं कोई प्रतिकूल प्रभाव तो नहीं पड़ रहा.

एक वैक्सीनेशन टीम में 5 सदस्य होंगे

1. वैक्सीनेटर ऑफिसर- डॉक्टर/नर्स/फार्मासिस्ट
2. वैक्सीनेशन ऑफिसर 1- ( पुलिस होमगार्ड या सिविल डिफेंस का व्यक्ति) जो लाभार्थी के रजिस्ट्रेशन की स्थिति देखेगा
3. वैक्सीनेशन ऑफिसर 2- यह दस्तावेज की जांच को प्रमाणित करेगा
4. वैक्सीनेशन ऑफिसर 3 और 4- यह दो सपोर्ट स्टाफ भीड़ आदि का प्रबंधन करेंगे