कोंच की 167 वर्ष पुरानी परंपरा रावण दहन और दशहरा जोर शोर से मनाया गया।

जालौन-दशहरा हमे बुराई पर अच्छाई की जीत याद दिलाने आता हैं दशहरे के मौके पर हमें बुराई रूपी रावण को जलाकर भस्म करते हैं इसे सिर्फ रस्म तक सीमित न रखे बल्कि इससे सबक सीखते हुये हम सब भी प्रण कर ले कि हम भी अपनी सारी बुराइयों को त्यागकर श्री राम के जीवन से प्रेरणा ले उनके बताये रास्ते का अनुकरण करे तभी हमारा रावण दहन सफल होगा दशहरे के दिन हम पुतलों को जलाकर बरसो से चली आ रही परम्परा को तो निभाते आ रहे हैं और
पूरे देश मे दशहरा का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन बुन्देलखण्ड के जनपद जालौन के कोच नगर में दशहरा आज भी परम्परा के साथ मनाया गया हालांकि कोविड-19 की छाया इस मेले पर भी पड़ी जिस कारण विशालकाय पुतलों की जगह छोटे छोटे पुतलों का दहन किया गया यहाँ पर बुराई के प्रतीक रावण और मेघनाद के पुतले जलाये गये यहाँ पर रावण और मेघनाद के पुतलों का युद्ध राम और लक्ष्मण से सजीव होता हैं और अंत मे बुराई के प्रतीक के रूप में मेघनाद और रावण का संघार राम-लक्ष्मण द्वारा किया जाता हैं यह युद्ध कोंच नगर के ऐतिहासिक मैदान धनुतालब पर होता हैं यह यहाँ की 167 वर्ष पुरानी परंपरा हैं यहाँ 167 वर्षो से चली आ रही इस परंपरा को कोंच के लोग अभी भी निर्वहन कर रहे हैं यहाँ पर राम रावण युद्ध सजीव होता हैं।

वही देखा जाये राजनैतिक तौर पर तो जनपद जालौन में बीजेपी के एक सांसद और तीन विधायक होने के बावजूद जिला मुख्यालय उरई में न तो रामलीला का आयोजन करवा पाये और न ही रावण दहन का आयोजन करवा पाये रामलीला का मंच अपने दर्शकों के इंतजार में खामोश दिखाई दिया। आम जनता कोच के आयोजन को देखते हुये सांसद विधायको की चुटकी लेती हुई नजर आयी।

इस अवसर पर धर्मादा रक्षिणी सभा के गंगाचरण वाजपेयी,राम लीला समिति के अध्यक्ष प्रतीक मिश्रा, मंत्री संजय सोनी,उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम रिछारिया रमेश तिवारी,पुन्नी रिछारिया,पवन अग्रवाल, एस डी एम अशोक कुमार,कोतवाल इमरान खान सहित पुलिस बल तैनात रहा

रिपोर्ट-soni news के लिए जनपद जालौन से श्यामजी सोनी के साथ अमित कुमार जिला क्राइम रिपोर्टर।

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