विधान सभा सत्र समाप्ति पर अध्यक्ष ने कहा हम लोग 03 दिन बैठे। कोरोना महामारी के दौरान देश और सारी दुनिया की संसदीय संस्थाओं के सामने संकट है। उत्तर प्रदेश पहला राज्य बना जहां हम लोगों ने महामारी के दौरान भी सफलतापूर्वक सदन की कार्यवाही का संचालन किया। उत्तर प्रदेश पहली विधान सभा है जहां पर हमनें सभी माननीय विधायकों की कोरोना जांच का कार्यक्रम बनाया। इस दृष्टि से उत्तर प्रदेश पहली विधान सभा है उत्तर प्रदेश, जहां हमने विधान सभा सचिवालय के सभी कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट करवाया। हम पहली विधान सभा है जहां सदन के भीतर भौतिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए हमने अपने माननीय सदस्यों को दर्शक दीर्घा तक में बैठाने का प्रबन्धन किया। सभी माननीय सदस्यों ने हमारे अनुरोध का अक्षरशः पालन किया। हम उत्तर प्रदेश पहले राज्य हैं कि तमाम विषम परिस्थितियों के बीच 03 दिन का सत्र चलाया। बहुत दिन से शनिवार को सत्र नहीं बैठा था। हमने शनिवार का भी सदुपयोग किया।
दुख की दृष्टि से हम उल्लेख करना चाहेंगे अपनी उत्तर प्रदेश विधान सभा ने इस बीच अपने 05 वर्तमान सदस्य और 22 पूर्व सदस्य खोयें है। इसका हमको शोक है। विधान सभा की कार्यवाही के संचालन में सभी माननीय सदस्यों ने ठीक से सहयोग किया। प्रतिपक्ष ने भी हमारा सहयोग किया। 03 दिन के सत्र में हमारे कार्यालय को नियम-56 के अन्तर्गत कुल 18 सूचनाएं प्राप्त हुई। इनमें से 10 को हमने सरकार के ध्यान आकर्षित करने के लिए भेज दिया। नियम 56 के अन्तर्गत सारी सूचनाएं अग्राह््य कर दी गयी है। सूचनाओं पर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। नियम-301 ध्यानाकर्षण अन्तर्गत कुल 92 सूचनाएं प्राप्त हुई थी। हमने सभी 92 सूचनाएं स्वीकार की। माननीय सदस्यों के हित के लिए कि वे अपने क्षेत्र की समस्याएं उठाते हैं। सारी सूचनाएं हमने स्वीकार की। इसी प्रकार नियम-51 के अन्तर्गत माननीय सदस्य अपने क्षेत्र या उत्तर प्रदेश की कतिपय समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए सूचनाएं देते है। हम लोगों ने नियम-51 के अन्तर्गत प्राप्त 102 सारी सूचनाएं स्वीकार की। यह सत्र बड़ा उपयोगी रहा। इस बीच में 138 याचिकाएं भी स्वीकृत हुई। हमको 138 विधान सभा में प्रस्तुत हुई।
हमने 27 विधेयक पारित किये जो एक रिकार्ड है। वर्चुअल हिस्सेदारी करने की व्यवस्था करने वाली भी हम पहली विधान सभा है। और वर्चुअल भागीदारी के लिए अध्येता ब्रिटेन और कनाडा का स्मरण करते है। हमारी विधान सभा के 33 सदस्यों ने वर्चुअल उपस्थिति प्रकट की है। मैं सत्ता पक्ष के सभी सदस्य के प्रति, प्रतिपक्ष के सभी सदस्य के प्रति, अपने सभी दलीय नेताओं के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ। उन्हें धन्यवाद देता हूँ। सरकार के कई अंग इस बार हमारी तैयारी में हिस्सा ले रहे थे, मैं सरकारीतंत्र को भी धन्यवाद देता हूँ। और हमारी विधान सभा सचिवालय ने प्रमुख सचिव, श्री प्रदीप दुबे जी के नेतृत्व में इस विशेष सत्र के आयोजन में विषम परिस्थिति में पूरा सहयोग किया है। सब धन्यवाद के पात्र है।
योगी जी मुझे चाहे जितनी भी गालियां दें पर ब्राम्हणों, दलितों, पिछड़ों पर हो रहे अत्याचार व अन्याय पर उठाए मेरे सवालों का जवाब दें – संजय सिंह
आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने विधानसभा में योगी द्वारा की गई टिप्पणी पर जवाब देते हुए कहा की आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की बौखलाहट सामने आई उन्होंने मेरे सवालों का जवाब क्यों नहीं दिया? मैंने जो प्रश्न उठाए उनका जवाब देने की बजाए मुझे नमूना कहा।
योगी सरकार की कार्यशैली पर निशाना साधते हुए श्री सिंह ने कहा योगी जी, अगर ब्राह्मणों पर हो रहे अत्याचार पर बोलना नमूनापन है तो आप मुझे नमूना कह सकते हैं। मौर्या, पाल, राजभर, यादव, लोध, कुर्मी, कश्यप, जाटव, सोनकर, वाल्मीकि, जाट, बढ़ई, नाई, विश्वकर्मा, प्रजापति आदि समाज के लोगों के मन में सवाल है कि उनके साथ अन्याय क्यों हो रहा? अगर इन समाज के लोगों के सवालों को उठाना नमूनापन है तो आप मुझे नमूना कहिए, गिरफ्तार कीजिए, जेल में डाल दीजिए, जो मन में आए वो कीजिए पर मेरे सवालों का जवाब दीजिये।
प्रदेश में कोरोना उपचार व्यवस्था पर श्री सिंह ने कहा कि जहाँ तक दिल्ली मोडल का प्रश्न है तो उसकी प्रशंसा प्रधानमंत्री ने की है। दिल्ली मॉडल पूरे देश मे अपनाया जा रहा, अगर मुख्यमंत्री योगी को उत्तर प्रदेश के लोगों कि जान की चिंता होती तो केजरीवाल के दिल्ली मॉडल को अपना के लोगों की जान बचाते न कि उसकी आलोचना करते।
केजरीवाल ने होम आइसोलेशन, ऑक्सीमीटर, वेंटीलेटर, बेड की उच्चस्तरीय व्यवस्था के माध्यम से दिल्ली में कोरोना पर काबू पाया।