कानपुर। आजाद भारत पार्टी और मिशन-100 के संस्थापक मानवेंद्र आजाद ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान केंद्र व राज्य सरकारों को आदेश दिया था कि 15 दिन के अंदर प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाया जाएं। बता दें कि मानवेंद्र आजाद लाॅकडाउन लगने के बाद से ही प्रवासी मजदूरों की घर वापसी की मांग उठाते रहे हैं। उन्होंने ही सबसे पहले मजदूरों की घर वापसी के लिए 100 बसे और डाॅक्टरों की टीम मुहैया कराने की बात रखी थी। इसके बाद केंद्र व राज्य सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया था और प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के इंतजाम करने के लिए योजना तैयार की थी। यहीं नहीं, कांग्रेस नेता प्रियंका गांघी ने भी मानवेंद्र के निर्णय से प्रभावित होकर और मानवेंद्र आजाद के निर्णय का अनुगमन कर राज्य सरकार को अपनी तरफ से 1000 बसे देने की बात कहते हुए इन बसों की लिस्ट भेजी थी। हालांकि जांच में बसों के नंबर फर्जी निकले थे और मामला राजनीतिक रंग लेने लगा था और जैसे ही कांग्रेस ने इस मामले का राजनीतिकरण किया तो शासन ने राजनीती में उलझकर मजदूरों की समस्या को अनदेखा कर दिया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मजदूरों की आवाज को सुना और उनकी घर वापसी के लिए सख्ती दिखाते हुए केंद्र व राज्य सरकारों को आदेश दिए। सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद मानवेंद्र आजाद ने कहा है कि इस भ्रष्टाचारी व्यवस्था में भी लगातार सुप्रीम कोर्ट और जजों के उपर उंगली उठाने के बावजूुद देश के आपाद विपदा के समय सुप्रीम कोर्ट ने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन गंभीरता से किया है जिसके लिए सभी मजलूमों मजदूरों की ओर से मानवेंद्र आजाद का सुप्रीम कोर्ट को कोटि-कोटि धन्यवाद