भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संध्या शुक्ला का देश को संबोधन

कानपुर। 5 जून दिन शुक्रवार को दोपहर 2:30 बजे भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रखर ओजस्वी वक्ता, अपनी चेतनात्मक वाणी से मानव के चीत्त अमन में परिवर्तन की पात्रता रखने वाली शक्ति स्वरुपा बहन संध्या शुक्ला जी ने देश के नाम संबोधन के समय सभी गुरु भाई ,गुरु बहनों, मां भक्तों ,देशवासियों एवं प्यारे बच्चों को संबोधित करते हुए दिव्य उद्बबोधित किया कि पिछले ढाई महीनों से हम एक ऐसे संघर्ष से जूझ रहे हैं, जो पुरे विश्व में तबाही मचाता हुआ फैलता चला जा रहा है। कोरोना का यह संकट जिसका इस देश पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ता जा रहा है। दिन प्रतिदिन यह बीमारी बढती चली जा रही है। लोगों की अर्थव्यवस्था चरमराती चली जा रही है ।आय के संसाधन बंद हो चुके हैं।मजदूर जिनके घरो में राशन नहीं है ,दाने -दाने के लिए मोहताज व तनाव में है कि परिवार का भरण पोषण कैसे किया जाए। कोई आस नजर नहीं आती,कोई रास्ता नजर नहीं आता कि इस संकट की घड़ी में कैसे पार जाएंगे, उन्होंने वर्तमान सरकार की सराहना भी की। उन्होंने बताया कि हमारे क्षेत्रीय राजनेता व सरकार इस संकट से हल निकलने के लिए पुरजोर लगी हुई है। वैज्ञानिक व डॉक्टर दिन- रात इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए लगे हुए हैं, परंतु अभी कोई रास्ता नजर नहीं आता, उन्होंने सभी भाई -बहनों से यही अपील किया कि जीवन में चाहे कैसी की आपदाएं आ जाए, कितनी भी विषम परिस्थितियां क्यों ना आ जाए। अपने धैर्य को कभी त्याग नहीं करना चाहिए। श्री शक्ति पुत्र जी महाराज का चिंतन है कि धैर्य से हम सभी विषम से विषम परिस्थितियों से बाहर निकल सकते हैं। आवश्यकता है मां के शरण में जाने की, आवश्यकता है मां की साधना करने की। उन्होंने वर्तमान सरकार की कमियों को भी उजागर किया कि कहीं ना कहीं सरकार की व्यवस्था अपर्याप्त है, उन्होंने प्रयास किया। लेकिन पूरी निष्ठा और लगन के साथ कार्य नहीं किया गया अगर पूरी निष्ठा और लगन से कार्य किया होता तो आज कोरोना इतना बड़ा संकट नहीं है। जिसे देशवासियों को एवं असहाय व गरीब मजदूरों को सहयोग ना किया जा सके,उन्हें भोजन और पानी न मिल सके, सरकार की अ व्यवस्था के कारण उन्हें अपने परिवार और छोटे-छोटे बच्चों सहित हजारों-2 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। जरुरतमंदों तक भोजन और पानी नहीं पहुंच सका, यह हमारी देश की व्यवस्था है। हमारे देश के किसानों को अन्न दाता कहा जाता है, जो हमें भोजन कराते हैं, अगर किसान खेती करना बंद कर दे तो हमारी थाली में रोटी न आए। आज किसान आत्महत्या कर रहे हैं, आखिर क्यों? छोटे-छोटे बच्चे नशे के शिकार हो रहे है, महंगाई बढ़ती चली जा रही है बेरोजगारी बढ़ रही है। सरकारी हॉस्पिटलों में पहले से ही चिकित्सा की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है, आखिर इस व्यवस्था के लिए कौन जिम्मेदार है। इसी व्यवस्था को देखते हुए भारतीय शक्ति चेतना पार्टी का गठन हुआ है। पार्टी एक ही विचारधारा को लेकर चल रही है।पार्टी की विचारधारा है, देश को मजबूत बनाने का, ताकि देश का सर्वांगीण विकास हो सके।भारतीय शक्ति चेतना पार्टी का गठन 7 जून 2013 को हुआ था, जो 7 वर्ष बीत चुके हैं। पार्टी के गठन के अवसर पर दिनांक 7 जून 2020, दिन रविवार को सुबह 8 बजे श्री शक्तिपुत्र जी महाराज देश को संबोधन करेंगे। देश को अपना आशीर्वाद व निर्देशन देंगे। आशा है कि आप उनके चितनों को सुन कर अवश्य लाभ प्राप्त करेंगे। जय माता की जय गुरुवर की

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