सोनी न्यूज़
Other उत्तर प्रदेश

जालौन-नून नदी की सहायक नदियों के अस्तित्व को बचाना होगा:राममोहन चतुर्वेदी

उरई(जालौन)। नून नदी की सहायक नदियों के खत्म होते अस्तित्व व सूखते जल स्रोत के अध्ययन और पुनरुत्थान के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने यात्रा शुरू की है।
जनपद में कुछ दशक पहले तक नून नदी की सहायक जल सरिणियों और छोटी-छोटी जलधाराओं में वर्ष भर पानी रहता था।


जिससे गर्मियों में लोग खुद की प्यास के साथ-साथ पशुओं की भी प्यास बुझाते थे और फसल की सिंचाई के लिए भी इन सरिताओं का उपयोग करते थे।
किंतु बीते कई सालों से नदियों के साथ साथ इन सहायक जल सरिणियों का अस्तित्व भी संकट में है।
अब बरसात और सर्दियों के मौसम को छोड़कर शेष चार माह नदियां सूखी पड़ी रहती हैं।
नदी सरिताओं के सूखने से एक ओर तो जलीय जीवों की श्रंखला ही समाप्त हो जाती है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय निवासियों, पशुओं व वन्यजीवों के प्यास की भी समस्या खड़ी हो जाती है।
नदियों, सरिताओं और जल स्रोतों के सूखने के कारण का अध्ययन करने के लिए सामाजिक संस्था जय मां ग्रामीण बाल विकास समिति के तत्वावधान में सामाजिक कार्यकर्ता राममोहन चतुर्वेदी और रिसाल सिंह चौहान ने नून नदी की सहायक नदियों व जलस्रोतों के उद्गम स्थल से संगम स्थल तक यात्रा शुरू की है।
वे स्थानीय लोगों व जन संवाद के माध्यम से जलस्रोतों के सूखने के कारणों का भी अध्ययन कर रहे हैं। आज उन्होंने नून नदी की सहायक नदी चुर्खी वाली नदी के उद्गम स्थल पर पहुंच कर स्थानीय लोगों से चर्चा की।
उन्होंने बताया कि शीघ्र ही कोंच मंलगा और माधौगढ़ से आई घड़ौरी नदी के उद्गम स्थल से भी यात्रा शुरू कर कारण और निवारण का अध्ययन किया जायेगा।

रिपोर्ट-अमित कुमार उरई जनपद जालौन उत्तर प्रदेश।

ये भी पढ़ें :

आज 53 जिला पंचायत अध्यक्षों के लिए होगा मतदान।

Ajay Swarnkar

कानपुर देहात-नेरोलेक पेंट फैक्ट्री में मजदूर झुलसा, मजदूरो को दिए जाने वाले सुरक्षा उपकरणों की खुली पोल

Ajay Swarnkar

राम पैड़ी में 5 लाख 51हजार दीपो के दीपोत्सव में गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में हुआ दर्ज

Ajay Swarnkar

अपना कमेंट दें

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.