जालौन-राष्ट्रीय लोक अदालत का माननीय जनपद न्यायाधीश श्री तरूण सक्सेना ने फीता काटकर दीप प्रज्ज्वलन करके विधिवत् उद्घाटन किया।

उरई(जालौन)।राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत का प्रातःकाल माननीय जनपद न्यायाधीश श्री तरूण सक्सेना ने फीता काटकर दीप प्रज्ज्वलन करके विधिवत् उद्घाटन किया। जनपद के सभी तहसीलों मे स्थित दीवानी न्यायालयों में भी उक्त आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
जिला दीवानी न्यायालय उरई एवं विभिन्न न्यायालयों में सम्पन्न हुई राष्ट्रीय लोक अदालत में 1,18,058 वादों का निस्तारण किया गया। इनमें बैंकों के बकाया ऋण के 559 मामलों में बैंक एवं बकायेदारों के मध्य रू0 5,45,64,000/-रू0 धनराशि का समझौता कराया गया। श्रीराम सिटी यूनियन फाईनेन्स लिमिटेड द्वारा 68 मामलों में मु0 3,88,112 रू0 धनराशि वसूल की गयी। आपराधिक प्रकरणों में विभिन्न मजिस्टेªट न्यायालयों ने 2,86,850/-रू0 बतौर जुर्माना धनराशि अभियुक्तों से राजकीय कोष में जमा करायी गयी। इस प्रकार आज करीब सवा लाख वादकारी लाभान्वित हुए।
इस संबंध में जानकारी देते हुए सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री राजीव सरन ने बताया कि आज माननीय जनपद न्यायाधीश श्री तरूण सक्सेना के कुशल मार्गदर्शन में सम्पन्न हुई राष्ट्रीय लोक अदालत में माननीय जिला जज द्वारा 59 मुकदमों का निस्तारण किया एवं मु0 7,69,80,049/- रू0 धनराशि पक्षकारों को दिलायी गयी। जनपद न्यायाधीश श्री सक्सेना ने एक मृतक व्यक्ति की 02 पत्नियों के मध्य चल रहे भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम के एक मामले में स्वःप्रेरणा से सुलह-समझौता कराया।
सचिव श्री सरन ने बताया कि मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के पीठासीन अधिकारी श्री राजीव कुमार द्वारा 91 मामलों में विपक्षी बीमा कम्पनियों से पीड़ि़त याचीगण को 3,48,79,311/-रू0 धनराशि क्षतिपूर्ति के रूप में दिलायी गयी। लोक अदालत में कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश श्री जै़गम उद्दीन द्वारा 85 मुकदमों का निस्तारण किया गया। उन्होंने 22 दाम्पत्य जोड़ांे का पुर्नमिलन कराते हुये वहीं भरण पोषण के 28 मामलों में 13,47000/-रू0 धनराशि वसूल कर पीड़ित महिलाओं को दिलायी। साथ ही 15 वैवाहिक याचिकाओं में 84000/- पीड़ित महिलाओं को दिलवाये। अपर कुटुम्ब न्यायाधीश श्रीमती अमृता शुक्ला द्वारा 127 मुकदमों का निस्तारण किया गया। इसमें से श्रीमती शुक्ला ने भरण पोषण के 33 मामलों में 18,32,258/- रू0 पीड़ित महिलाओं को दिलाये।
अपर जिला जज-। श्री अरूण कुमार मल्ल, विशेष न्यायाधीश श्री अचंल लवानिया, श्री शिवकुमार, श्री विजय बहादुर यादव एवं अपर सत्र न्यायाधीश श्री मोहम्मद आजाद ने 13 मुकदमे निस्तारित किये।
विशेष न्यायाधीश (ई0सी0 एक्ट) श्री प्रमोद गुप्ता द्वारा विशेश प्रयास करते हुये 652 मुकदमों का निस्तारण किया गया एवं कुछ प्रकरणों में मु0 2,500/-रू0 अर्थदण्ड भी वसूल कर जमा कराया गया।
सी0जे0एम0 श्रीमती अन्जू राजपूत समेत सभी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा 3035 आपराधिक वादों का निस्‍तारण करते हुये 2,85,110/-रू0 अर्थदण्ड जमा कराया गया।
सिविल जज सी0डि0 श्री महेन्द्र कुमार रावत, श्रीमती रेनू यादव एवं श्री गजेन्द्र सिंह द्वारा पक्षकारों के मध्य सुलह समझौता कराकर 25 वादों का निस्तारण किया गया।
सिविल जज जू0डि0 श्रीमती वन्दना अग्रवाल, न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री शशांक गुप्ता, श्रीमती प्रियंका सरन एवं वाह्य न्यायालय कोंच के न्यायिक अधिकारी श्रीमती अभिषिक्ता यादव, श्री तुषार जायसवाल जालौन के न्यायिक अधिकारी सुश्री ऋचा अवस्थी, सुश्री नेहा राजन और कालपी दीवानी न्यायालय की न्यायिक अधिकारी सुश्री रागिनी मिश्रा,श्री सुभाष और ग्राम न्यायालय माधौगढ़ की न्यायाधिकारी सुश्री श्वेता यादव द्वारा लोकअदालत में सहभागिता की गयी।
इनके अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, अपर जिला मजिस्टेªट सहित सभी उप जिला मजिस्टेªट, नगर मजिस्टेªट और तहसीलदार न्यायालयों द्वारा राजस्व संहिता और फौजदारी के कुल 653 मामलों सहित प्री-लिटिगेशन प्रकृति के 112723 मामले निस्तारित किये गये।

रिपोर्ट-अमित कुमार उरई जनपद जालौन उत्तर प्रदेश।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.