विश्व के पहले अनाज बैंक द्वारा बुन्देलखण्ड में अपना क्षेत्रीय कार्यालय उरई में स्थापित करके यहाँ सराहनीय कार्य किया है. यह अनाज बैंक उरई टीम की मेहनत, लगन और ईमानदारी का सुफल है कि इसके पाँच सराहनीय वर्ष आज पूरे हो रहे हैं. इससे बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता है. उक्त विचार अनाज बैंक के उरई स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के स्थापना दिवस पर बाँदा-हमीरपुर विधानपरिषद सदस्य जितेन्द्र सिंह सेंगर ने व्यक्त किये. अनाज बैंक के स्थापना दिवस और पाँच वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर उन्होंने अनाज वितरण करने के पश्चात् इसके कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि विगत पाँच वर्षों में नियमित रूप से समाज की गरीब, मजबूर महिलाओं को अनाज वितरित करने के साथ-साथ अन्य खाद्यान्न तथा वस्त्र आदि का वितरण करना अनाज बैंक उरई टीम की सकारात्मक सोच को दर्शाता है. स्पष्ट है कि इससे समाज के अन्य सहृदय लोग भी प्रोत्साहित होंगे.


इस अवसर पर अनाज बैंक निदेशक डॉ. अमिता सिंह ने बताया कि विगत पाँच वर्षों में सौ से अधिक महिलाओं को नियमित रूप से अनाज वितरित किया जाता रहा है. अनाज बैंक द्वारा महिलाओं को उक्त वितरण के अलावा उनके स्वास्थ्य, चिकित्सा आदि की व्यवस्था समय-समय पर अनाज बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा की जाती रही है. बैंक अपनी सीमा रेखा से बाहर जाकर भी कोरोना काल में लोगों की सहायता हेतु आगे आता रहा है तो कई बार प्राकृतिक आपदां के समय में भी उसने समाज के साथ सहयोग किया है.


अनाज बैंक मीडिया सलाहकार डॉ. कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने बताया कि क्षेत्रीय कार्यालय को समाज के जिन-जिन लोगों का सहयोग मिलता रहा है, वह उनके प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हैं. बैंक की ईमानदारी और पारदर्शिता का प्रमाण यह है कि इसका नियमित विवरण इंटरनेट पर सार्वजनिक कर दिया जाता है. इससे किसी भी तरह की शंका लोगों के मन में न रहे. पाँच वर्षों तक इसका नियमित बने रहना सभी के सहयोग से ही संभव हो सका है.
स्थापना दिवस और पाँच वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर अनाज बैंक की निकासी खाताधारक महिलाओं को अनाज प्रदान किये जाने के साथ-साथ भोजन भी करवाया गया. इस अवसर पर पौरवी सिंह राणावत, अभिलाषा यादव, शाखा प्रबंधक धर्मेन्द्र कुमार वर्मा, प्रदीप निरंजन, शिवेश सिंह सेंगर, आराधना, रश्मि बबेले सहित निकासी खाताधारक महिलाओं में शोभा वर्मा, मुन्नी देवी, माया, कलावती, सुशीला, जगरानी, ममता, सावित्री आदि सहित अनेक महिलायें उपस्थित रहीं.