पुलिस के पक्षपात पूर्ण रवैये से त्रस्त दलितों ने मकान बिकाऊ के लगाये पोस्टर घरों में

उरई(जालौन)। रास्ते में निकलते समय हुए मामूली विवाद के बाद दलितों के घरों पर हमलाकर उन्हे लहूलुहान करने के बाद उन्ही के खिलाफ फर्जी मुकदमा लिखाकर जेल भेजने के बाद अब गांव के दबंग ठाकुरों ने पीड़ित दलितों का गांव में रहना दुश्वार कर दिया है। थाने से लेकर एसपी एवं मुख्यमंत्री तक न्याय की गुहार लगा चुके दलितों ने आये दिन मिल रही दबंग ठाकुरों की धमकियों से तंग आकर अपने घरों पर मकान बिकाऊ के पोस्टर लगा दिए है। फिर भी क्षेत्रीय पुलिस खामोश बनी हुई है।
मामला माधौगढ कोतवाली क्षेत्र के गांव मिहौनी का है। कोतवाली से दो किलो मीटर की दूरी पर स्थित ग्राम मिहौनी में दलित समाज के बलवान सिंह दोहरे पुत्र आशाराम दोहरे तथा तुलसीराम, ब्रम्हप्रकाश, सीमादेवी, मनीषा देवी, संगीता देवी, रामप्रकाश, सचिन आदि ने अपने घरों के बाहर एक पोस्टर लगा रखा है। जिसमें लिखा है कि दबंग ठाकुरों द्वारा उत्पीड़न व प्रताड़ित किए जाने से भयभीत दलित परिवारों का गांव से मकान व जमीन बेचकर जाने पर मजबूर क्योंकि आये दिन हार खेत, रास्ते में धमकी दी जाती है शासन-प्रशासन हमारी सुन नही रहा है। घर के बाहर लगे इन पोस्टरों की जानकारी मिलने पर समाजवादी मजदूर सभा के जिलाध्यक्ष अजय गौतम योगा महाराज की टीम के द्वारा ग्राम मिहौनी में पीड़ित दलितों से मुलाकात कर उनसे घटना की पूरी जानकारी ली। जिसमें उन्होने बताया कि 7 नवम्बर को जुआ खेल रहे दबंग ठाकुरों ने उनके लड़के केे साथ मारपीट की थी जिसका विरोध करने पर दबंग ठाकुर राघव, पप्पू सिंह, विपिन, राजासिंह, शिवेन्द्र सिंह उर्फ कल्लू एवं उनके 20-25 साथियों ने उनके घर पर हमला किया था। जिसमें दोनों पक्षों को चोटे आई थी लेकिन दबंग ठाकुरों का पक्ष लेकर कोतवाली माधौगढ पुलिस ने उल्टा मुकदमा दलितों के खिलाफ दर्ज करा दिया था और जेल भेज दिया था जबकि घायल दलितों का न तो मेडीकल परीक्षण कराया और न ही मुकदमा लिखा था। अब रास्ते आते जाते समय दबंग ठाकुरों द्वारा आये दिन गालीगलौज कर जान से मारने की धमकिया दी जा रही है। जिसके चलते उन्हे मकान बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।


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दहशत में है मिहौनी के दलित: अजय गौतम
उरई। ग्राम मिहौनी पहुंचे समाजवादी पार्टी मजदूर सभा के जिलाध्यक्ष अजय गौतम ने बताया कि पीड़ितों का कहना है कि उन्हे आये दिन खेतों पर जाते समय गालियां दी जा रही है। परिवार की महिलाओं का खेतों पर निकलना दूभर हो रहा है। जिससे वह अपने घर के कामकाज भी नही कर पा रही है। घरों के बाहर लगे पोस्टरों का क्षेत्रीय पुलिस के द्वारा संज्ञान न लेना चिंता का विषय है। पुलिस एवं जिला प्रशासन को इस मामले में कार्यवाही करनी चाहिए।
फोटो परिचय- पीड़ितों की सुनते अजय गौतम व उनकी टीम के सदस्य, घर के बाहर लगा पोस्टर
फोटो नंबर- 2 एवं 3