उरई जिलाधिकारी डा0 मन्नान अख्तर के मुख्य अतिथ्य तथा सांसद श्री भानुप्रपात सिंह वर्मा की अध्यक्षता में प0 दीन दयाल अन्त्योदय योजक राष्ट्रीय ग्रामीण अजीविका मिशन उ0प्र0 राज्य ग्रामीण अजीविका मिशन के अन्तर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रेरित करने हेतु ‘‘पे्ररणा दिवस’’ जानकी पैलेस उत्सव गृह में सम्पन्न हुआ। जिलाधिकारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण अजीविका मिशन की मुख्य धारणा यह है कि निर्धनो में गरीबी से उबरने की सहज क्षमता और सशक्त इच्छा होती है। उ0प्र0 राज्य में राष्ट्रीय ग्रामीण अजीविका मिशन योजना को 2011 में शुरू किया गया है।

उ0प्र0 सरकार प्रदेश में रहने वाले लोगो की उन्नति एवं गरीबी उन्मूलन के प्रति वचनबद्ध है। यहां उपस्थित सभी महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों से कहता हूं कि इस पे्ररणा दिवस में ऐसी प्रेरणा लेकर जाये जिससे ग्राम की अन्य महिलाओं को अपने समूह में सम्मिलित करें और उनको समूह के माध्यम से आर्थिक लाभ प्राप्त करें। जिससे उनका भी परिवार आश्रित लाभ प्राप्त कर भरण पोषण में सक्षम बन सके। नारी शक्ति एक असीमित शक्ति है वह जिस कार्य में सच्चे मन से लग जाये तो उसे पूर्ण करके ही छोड़ती है। इसका प्रमाण इस हाॅल में बैठी नारी शक्ति दे रही है।

मिशन का उद्देश्य है कि जमीनी स्तर पर निर्धनो की सशक्त एवं स्थायी संस्था बनाकर ग्रामीण परिवारों को लाभप्रद रोजगार एवं हुनर मन्दों को मजदूरी एवं रोजगार के अवसर प्राप्त करने में समर्थ बनाते हुए गरीबी को कम करना जिसके फल स्वरूप उनकी अजीविका में निरंतर एवं उपरोत्तर प्रगति हो सके।


मा0 सांसद एवं सदर विधायक श्री गौरीशंकर वर्मा ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि महिलायें ग्रामों में समूहो का गठन करें और सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता राशि प्राप्त कर अपने परिवार हेतु आर्थिक लाभ कमायें। सरकार द्वारा जनहितैषी/कल्याणकारी कई योजनायें संचालित कर रही है जिसका लाभ पात्रता के आधार पर नागरिको को मिल रहा है। इन योजनाओं का और अधिक लाभ लेने हेतु नागरिको को जागरूक होना आवश्यक है।


मुख्य विकास अधिकारी श्री एस0पी0सिंह ने कहा कि उ0प्र0 राज्य ग्रामीण अजीविका मिशन जनपद में 2013 से निरंतर गतिशील रहते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। वर्ष 2013 से अब तक परियोजना के अन्तर्गत सम्पूर्ण जनपद में 3465 महिला स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया है। इनमे से कुल 1673 स्वयं सहायता समूहो को 15000 रू0 प्रति माह की दर से रिवाल्विंग फण्ड 2.50.95000 (दो करोड़ पचास लाख पनचानबे हजार) रू0 प्रदान किया जा चुका है। इसके साथ ही 950 स्वयं सहायता समूहो को रू0 1.10.000 प्रति समूह की दर से कुल 9.95.5000 रू0 (नौ करोड़ पनचानबे लाख पचास हजार मात्र) की समुदायिक निवेश निधि प्रदान की गई। योजना के अन्तर्गत 2013 से अब तक कुल 146 ग्राम संगठनों का गठन किया गया है। जिनमे अजीविका हेतु 40 संगठनों को अब तक रू0 2.00.000 प्रति ग्राम संगठन की दर से रू0 80.00000 (अस्सी लाख) की अजीविका निधि एवं 40 ग्राम संगठनों को रू0 1.50.000 प्रति ग्राम संगठन की दर से रू0 6.00.000 (साठ लाख) जोखिम निवारण निधि प्रदान की गई है। बैंको से सम्पर्क करके कुल 290 महिला स्वयं सहायता समूहो को सी0सी0एल0 सुविधा प्रदान कराई गई है।


इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमति सुमन निरंजन, जिला विकास अधिकारी, श्रीमति मिथलेश सचान, पी0डी0 श्री पी0एस0 चन्द्रोल, श्री देवेन्द्र निरंजन सहित अन्य अधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी उपस्थित रहें।