जाके प्रिय न राम बैदेही।
तजिये ताहि कोटि बैरी सम, जद्यपि परम सनेही।।

अर्थात, जो राम का विरोधी है, जो जानकी का विरोधी है, वह भले ही आपका कितना भी प्रिय क्यों ना हो, उसको बैरी की तरह ही पूर्ण रूप से त्याग देना चाहिए।

बंगाल की जनता भी राम विरोधी TMC का यही हश्र करने जा रही है।

बंगाल की धरती देश के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की धरती है, लेकिन TMC के गुंडों ने उसे गुंडागर्दी और अराजकता की धरती बना दिया है।

कांग्रेस, वामपंथी दलों और TMC ने बंगाल के वातावरण को अराजकता में बदल कर तुष्टिकरण की भेंट चढ़ा दिया है।

बंगाल की धरती ‘परिवर्तन’ के लिए अंगड़ाई ले रही है।

यहां पर परिवर्तन इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि अब तक भारतीय जनता पार्टी का विरोध करने वाली ममता दीदी, अब ‘भगवान राम’ का भी विरोध करने लगी हैं।