लखनऊ। एकल अभियान बनाएगा ‘स्वामी विवेकानन्द के सपनों का भारत’। इस अभियान को साकार करने के लिये स्कूलों को बच्चों तक पहुंचाने का काम एकल अभियान कर रहा है। हर साल स्वामी विवेकानन्द की जयंती के हफ्ते भर पहले एकल सप्ताह नाम से सात दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं जिनका समापन स्वामी विवेकानन्द की जयंती पर किया जाता है।
एकल सप्ताह के समापन पर 12 जनवरी 2021 को राष्ट्रीय युवा दिवस पर माधव सभागार (निराला नगर)लखनऊ में एक व्याख्यानमाला का आयोजन रखा गया है। जिसका विषय ‘स्वामी विवेकानन्द के सपनों का भारत’ रखा गया है। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख माननीय स्वान्त रंजन जी रहने वाले हैं। कार्यक्रम में प्रदेश भर से संगठन से जुड़े आठ सौ से अधिक लोग शामिल होने वाले हैं।
संभाग प्रमुख संतोष कुमार शोले ने बताया कि कार्यक्रम में राष्ट्रीय महामंत्री माधवेन्द्र सिंह समेत कई वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। एकल ग्राम संगठन के सचिव दिनेश सिंह राणा, संगठन सचिव अनिल बंसल, एकल अभियान समिति संभाग सचिव मनोज मिश्र को विभिन्न जिम्मेदारियां कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये सौंपी गई है।
एकल ग्राम संगठन लखनऊ भाग के मीडिया प्रभारी पल्लव शर्मा ने बताया कि संगठन देश भर के एक लाख गांवों के माध्यम से देश व ग्रामीण क्षेत्रो में कार्यरत है। एकल ग्रामोत्थान फाउंडेशन स्थायी प्रकल्पों के माध्यम से विभिन्न योजनाएं संचालित करता है। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ का समवैचारिक संगठन भारत लोक शिक्षा परिषद के एकल विद्यालय फाउंडेशन लखनऊ में ‘एकल परिवर्तन कुंभ’ का आयोजन किया जा चुका है। तीन दिनों के इस कार्यक्रम में लगभग 2.5 लाख शिक्षा प्रेमियों का जमावड़ा राजधानी के रमाबाई मैदान में इकट्ठा हुआ था।

एकल विद्यालय
दरअसल एकल विद्यालय एक शिक्षक वाले वो विद्यालय हैं, जिनकी शुरुआत झारखण्ड से हुई थी. इस अभियान में कई वर्षो से उपेक्षित ग्रामीण क्षेत्रों और आदिवासी क्षेत्रों में ये विद्यालय संचालित किये जा रहे हैं। एकल विद्यालय संगठन द्वारा अब तक 1 लाख से अधिक एकल विद्यालय खोले जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश में ही संगठन के 22 हजार विद्यालय संचालित हैं। एकल विद्यालय अभियान को एकल विद्यालय संगठन द्वारा ग्रामीण और जनजातीय भारत तथा नेपाल के एकीकृत और समग्र विकास के लिए शुरु किया गया है। कई ट्रस्ट और गैर-लाभकारी संगठनों की भागीदारी से यह अभियान भारत की मुख्य धारा से अलग गांवों में संचालित गैर-सरकारी शिक्षा के क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा अभियान बन गया है। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के विचारक अशोक सिन्हा ने बताया कि वर्ष 1990 में गठित राममूर्ति समिति की रिपोर्ट ने एकल अभियान के लिये दिशा-निर्देश बनाने और स्थापित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। एकल विद्यालय अभियान को वर्ष 2017 में गांधी शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।