कहते हैं ना कि इंसान यदि चाह ले कि उसे अपनी मेहनत और लगन से काम करके ईमानदारी से अपने परिवार का भरण-पोषण करना है तो वो कर लेगा शुरुआत में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है लेकिन कहीं न कहीं उसे सफलता जरूर मिलती है। और वही दूसरी ओर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी आत्मनिर्भर भारत की बात आएदिन करते नजर आते है PM मोदी ने आत्मनिर्भर भारत के लिए सरकारी योजनाओं की जम कर चर्चा की है तो वही दूसरी ओर बिना किसी सरकारी योजना की सहायता लिए एक शख्स ने खुद को आत्मनिर्भर बना कर सरकारी योजनाओं को आईना दिखा दिया है।
हम बात कर रहे हैं जनपद जालौन के जालौन नगर क्षेत्र के मुहल्ला सहावनाका के रहने वाले हरगोविंद की जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों के भरण-पोषण करने के लिए गुजरात के एक शहर में करीब 50 साल पहले गुब्बारे से चिड़िया बनाने का हुनर सीखा और उस ज़माने में 50 पैसे की एक चिड़िया बनाकर बेची और अपने परिवार का भरण-पोषण किया
परिवारिक मजबूरियों के चलते उन्हें गुजरात से बापस जालौन लौटना पड़ा तो उन्होंने यहां भी इसी हुनर का इस्तेमाल किया और तबसे अबतक लगातार वह उसी तरह गुब्बारे से चिड़िया बनाकर बेच रहे हैं
फर्क सिर्फ इतना हुआ है कि उस समय 50 पैसे की एक चिड़िया बिकती थी आज़ 5 रुपए की बिकती है
हरगोविंद के मुताबिक उन्होंने कभी भी इस धंधे को छोटा नहीं समझा और ना ही किसी ग़लत धंधे को अपनाया
हरगोविंद बताते हैं कि उनके परिवार में 4 लडके 4 बहुएं और 5 नाती नातिन है
हालांकि लड़के बाहर जाकर पानी पूरी का धंधा करने लगे हैं
लेकिन हरगोविंद आज़ भी उसी तरह गुब्बारे से चिड़िया बनाने में जुटे हैं और और ईश्वर को धन्यवाद देते हुए अपनी दिनचर्या में लगे हैं वो भी बिना किसी सरकारी सहायता के न उन्होंने किसी सरकारी दफ्तर के चक्कर काटे न किसी अधिकारी या राजनेता से गिड़गिडाये खुद आत्मनिर्भर बने।
रिपोर्ट:जालौन से soni news के लिए देवेश स्वर्णकार के साथ सुनीता सिंह