कुठोंद /जालौन – रबी की फसल में प्रमुखता से गेहूं की बुवाई ज्यादा की जाती है , नहर कोठी कुठोंद शाखा वेतवा नहर 2 के अंतर्गत आती है । जिसमें पलेवा के लिए किसानों को भारी दिक्कत हो रही ,कोरोना से जूझते हुए किसान भुखमरी की कगार में पहुंचे चुके है और लगातार किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहा है । नहर की हकीकत को देखा जाये तो हालात बहुत बत्तर है हरसिंगपुर रजबाहा में पानी चल रहा है और नहरों की खुदाई व सफाई भी नहीं हुई , नहर में ऊपर से पानी नहीं आ रहा है ।जबकि नहर कोठी कुठोंद शाखा के अन्तर्गत जालौन खुर्द,शेखपुर अहीर , कुरौली,सिलुआवा जागीर , बरिकापुरवा,नकेलपुरा ,मुरलीपुर , कोटा मुस्टकिल,मोतीपुर,बावली ,निजामपुर, कुठीला,हाजीपुर ,जमालीपुर, परिन तिरवली, इंगुर्री, मिहैना, कुठोंद, आल विजवाह आदि गांवों के हजारों किसान की फसल नहर के पानी पर ही निर्भर है ।इस रबी की फसल में इन गावों के किसानों को पलेवा के लिए नहर में पानी नहीं दिखा है ,वहीं किसान जब अपने खेतों तरफ़ देखता है तो भगवान को ध्यान करते है कि योगी सरकार बिना अनाज के पैदा किए कैसे हमारी आय को दोगुनी करने का दावा कर रही है ,पिछले वर्ष भी गेंहू की फसल में अन्तिम पानी नहीं दिया गया और इस बार सरकार और बीजेपी पार्टी नेताओ के प्रतिनिधियों का ध्यान बिल्कुल किसानों की तरफ़ नहीं है। वहीं किसानों ने अपनी मंशा भी साफ कर दी है अगर पानी नहीं मिलता है हमको समय पर तो समस्त किसान एकत्रित होकर रोडो को जाम करने को मजबूर हो जायेगे।
किसान जनसुनवाई पर शिकायत दर्ज करवा चुके है फिर भी कोई अधिकारी नहर की सुध नहीं ली रहे है , अभिलाख दोहरे बोधनगर ,गिरेंद्र दोहरे लालपुरा , नीतू बरीपुरा ,रघुवीर सिंह ,शिवम् सिंह,दृग विजय सिंह ,मुन्ना सिंह , संजू ,गौरव तिवारी बावली आदि किसानों की मांग है कि किसी भी तरीके से समय में पानी मिले जिससे किसान अपने खेतों में पलेवा करके रवी की फसल की बुवाई कर सके ।

*रिपोर्ट:जनपद जालौन के कुठौंद से soni news के लिए लवकेश सिंह*