उरई(जालौन)-बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच व सफाई कामगार/अस्वच्छ पेशे में काम करने बाले समुदाय के लोगों के प्रतिनिधि मंडल जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर अतिरिक्त मजिस्ट्रेट को 6 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा।
जिसमे एडवोकेट कुलदीप कुमार बौद्ध, एडवोकेट रश्मिवर्मा, एडवोकेट निखत प्रवीन, एडवोकेट प्रियंका अहिरवार, जोलिन मुंडा, सैय्यद जिया, ज्योति, सचिन इत्यादि ने कहा की मैनुअल स्कैवेन्जर (स्वच्छकारों) के सर्वेक्षण में सुप्रीमकोर्ट गाइडलाइन का हो पालन व आवेदन जमा करने की तिथि बढाई जाये।
ब्लॉक व तहसील स्तर पर जागरूकता कैम्प लगाये जाएँ, हाथ से मैला उठाने बाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम – 2013 के अध्याय 3 नियम 11 के तहत यह सर्वेक्षण का कार्य सुनिश्चित किया जाये।
सुप्रीम कोर्ट दुबारा बलराम सिंह बनाम यूनियन ऑफ इण्डिया एंड अदर्स में पारित आदेश अनुसार इसमें हाथ से मैला ढ़ोने बाले कर्मियों(मैनुअल स्कैवेन्जरों) के अलावा अन्य सभी प्रकार के जो अस्वच्छ सफाई कामगार का काम करते है।
उनको भी सर्वेक्षण में शामिल किया जाये।
15 अक्तूबर 2018 को सामाजिक संगठन – बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच के नेतृत्व में सफाई कामगार समुदाय/जिले की मैला ढ़ोने वाली महिलाओं दुबारा दिए गए ज्ञापन।
जिसमे जालौन जिले के 9 ब्लॉक के 310 गाँव के 1338 आवेदनों को जमा किया गया था साथ ही उपरोक्त सभी आवेदनों को 02/11/2018 को रजिस्टर्ड डाक से नोडल/जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास)/पदेन जिला प्रबंधक महोदय को भेजे गए थे।
उन सभी आवेदनों को इस सर्वेक्षण में शामिल किया जायें व जिले में मैला ढ़ोने की कुप्रथा की पूर्ण समाप्ति के लिए ठोस कदम उठाये जाएँ ।
इस मौके पर-एडवोकेट कुलदीप कुमार बौद्ध, एडवोकेट रश्मिवर्मा, एडवोकेट निखत प्रवीन, एडवोकेट प्रियंका अहिरवार, जोलिन मुंडा, सैय्यद जिया, ज्योति, सचिन आदि मौजूद रहे।

रिपोर्ट-अमित कुमार उरई जनपद जालौन उत्तर प्रदेश।