चिकित्सा व्यवस्था में नर्सिंग संवर्ग से जुड़े कार्मिकों की भूमिका अहम: प्रधानाचार्य
0 मेडीकल कालेज में सीएमई आॅन हेपेटाइटिस कार्यशाला में दी उपयोगी जानकारी
उरई(जालौन)। राजकीय मेडिकल कालेज, जालौन (उरई) के आडिटोरियम भवन में कालेज आफ नर्सिंग के द्वारा दो दिवसीय, सीएमई ऑन हेपेटाइटिस अपडेट इन्डक्सन कांफ्रेंस का शुभारम्भ प्रोजेक्ट प्रकाश” एवं “आईएलबीएस दिल्ली” की सहभागिता से कालेज आफ नर्सिंग द्वारा किया गया। कार्यक्रम में डीन एवं प्रधानाचार्य डा. द्विजेन्द्र नाथ एवं डा. प्रशांत निरंजन (चिकित्सा अधीक्षक) मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। प्रधानाचार्य द्वारा दीप प्रज्वलित करनें के उपरान्त कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।

प्रधानाचार्य नें उपस्थित समस्त सदस्यों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था में नर्सिंग संवर्ग से जुड़े कार्मिकों एवं तकनीकी कर्तव्यों के निष्पादन हेतु पैरामेडिकल कोर्सेस से जुड़े छात्र एवं छात्राओं की भूमिका बहुत ही अहम है। समुचित इलाज एवं गुणवत्ता पूर्ण सुविधाओं के लिए इनका शिक्षण प्रशिक्षण बहुत ही आवश्यक है। उन्होनें युवा चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल कोर्सेस से जुड़े छात्र एवं छात्राओं से कहा कि वे ज्यादा से ज्यादा ज्ञान अर्जित करें तथा चिकित्सा व्यवस्था में अपनी समर्पित सेवायें मरीजों को प्रदान करें। कार्यक्रम में डा. रीना कुमारी (उप-प्रधानाचार्या, कालेज आफ नर्सिंग, रा.मे.का. जालौन) नें हेपेटाइटिस बीमारी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इन्होनें बताया कि हेपेटाइटिस बीमारी पांच प्रकार ही होती है क्रमशः ए0,बी0,सी0डी0 एवं ई0 प्रकार की। इसके फैलने के कारण भी अलग-अलग हैं। सबसे ज्यादा इसके बी0 एवं ए0 प्रकार के केस सामनें आते है। जैसे की हेपेटाइटिस ए दूषित भोजन और जल से फैलता है। हेपेटाइटिस बी- संक्रामक रक्त या किसी दूसरे द्रव्य पदार्थों के संपर्क में आने पर फैल सकता है। हेपेटाइटिस सी- एचसीवी (हेपेटाइटिस -सी वायरस) के कारण होता है और संक्रमित खून या इंजेक्शन के इस्तेमाल से होता है। हेपेटाइटिस डी-वायरस के कारण होता है।

 

श्रीमती आकांक्षा नें बताया कि हेपेटाइटिस डी सिर्फ उनको होता है जो पहले से ही हेपेटाइटिस बी से ग्रस्त होते हैं । हेपेटाइटिस बी व हेपेटाइटिस डी दोनों के साथ होने पर स्थिति काफी जटिल हो जाती है। हेपेटाइटिस ई फैलने का मुख्य कारण प्रदूषित जल और भोजन होता है। हेपेटाइटिस बीमारी बिलियरी सिस्टम को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है। इसके बाद क्रमशः श्रीमती आयुषी बंसल (प्रोफेसर, एलएलआरएम नर्सिग कालेज, मेरठ), एवं सुनील कुमार सोंधी (सहायक आचार्य, देवभूमि इन्सटीट्यूट आफ नर्सिंग, देहरादून) द्वारा हेपेटाइटिस बी., सी एवं डी एवं ई. के बारे जानकारी दी गयी। सुश्री नेहा सिंह (ट्यूटर) द्वारा हेपेटाइटिस एवं इससे जुड़ी मानसिक समस्याओं एवं उनसे जुड़े निदान के सम्बन्ध में व्याख्यान दिया। पहले दिन के आखिरी सत्र में श्रीमती पूजा मिश्रा (नर्सिंग आफीसर) के द्वारा इस रोग से जुड़ी समस्त जानकारी दी गयी। दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले दिन कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन डा. रीना कुमारी (प्रधानाचार्या, कालेज आफ नर्सिंग) के निर्देशन किया गया। श्रीमती उमा महेश्वरी पी. (उप-प्रधानाचार्या, कालेज आफ नर्सिंग) एवं नर्सिंग टीचर्स श्रीमती प्रीती वर्मा, श्रीमती शिवानी सिंह, श्रीमती रिचा गौतम, श्रीमती पूर्णिमा शर्मा, श्रीमती योजना परमार, श्रीमती शिखा शर्मा इत्यादि का कार्यक्रम में विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती पूजा मिश्रा (नर्सिंग आफीसर) द्वारा किया गया। इस अवसर पर समस्त एमबीबीएस छात्र एवं छात्राये, नर्सिंग छात्र, छात्राएं एवं पैरामेडिकल छात्र-छात्राओं के साथ ही समस्त नर्सिंग स्टाफ के सदस्य उपस्थित रहे।