फाइलेरिया रोग के उन्मूलन के लिए जन-सहभागिता बहुत जरूरी है : डा.डीनाथ

उरई(जालौन)। दस फरवरी से शुरू हुए फाइलेरिया के सामूहिक दवा सेवन एमडीए अभियान के क्रम में आज 22 फरवरी 2023 को प्रधानाचार्य डा. द्विजेन्द्र नाथ की अध्यक्षता में राजकीय मेडिकल कालेज, जालौन उरई की ओपीडी बिल्डिंग के प्रवेश द्वार के समीप बने दवा काउन्टर पेशेन्ट हेल्प डेस्क पर मरीजों को एवं इस चिकित्सा संस्थान में कार्यरत समस्त चिकित्सा शिक्षकों, चिकित्सकों, अधिकारियों, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ एवं अन्य स्टाफ को फाइलेरिया रोग की रोकथाम के लिए सभी जानकारियों से अवगत कराया गया तथा दवा का निःशुल्क वितरण किया गया।

प्रधानाचार्य नें कहा कि यह दवा एक साल से कम आयु के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को छोड़कर सभी को खानी है। लोगों को इस बीमारी की भयावहता को समझना चाहिए और दवा वितरक टीम की देखरेख में दवा का सेवन करना चाहिए। प्रधानाचार्य नें कहा कि फाइलेरिया रोग के उन्मूलन के लिए जन- सहभागिता बहुत जरूरी है। प्रदेश को इस रोग से मुक्त करने के लिए एक साथ मिशन मोड में कार्य करना होगा। उन्होनें कहा कि फाइलेरिया रोग का उन्मूलन गरीबी को कम कर सकता है, सोशल स्टिग्मा को दूर कर सकता है, स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत कर एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकता है। फाइलेरिया मच्छर जनित बीमारी है और इसका मच्छर गंदे पानी में पनपता है। फाइलेरिया के संक्रमण होनें पर शुरूआत में इसके लक्षण नहीं आते है। इसके लक्षण दिखाई देनें में 15 साल तक लग सकते है। इसे आम बोलचाल की भाषा में हाथीपांव के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि यह बीमारी व्यक्ति के पांव के अलावा पुरूषों के अंडकोष एवं त्वचा को भी प्रभावित करती है। त्वचा प्रभावित होनें से चेहरा कुरूप हो जाता है। इसके बचाव के लिए दवा खाना बहुत जरूरी है। दवा वितरण आयोजन के दौरान हास्पिटल में डा. आरएन कुशवाहा उप-प्रधानाचार्य, डा. संतोष कुमार आचार्य एवं विभागाध्यक्ष, कम्युनिटी मेडिसिन विभाग, डा. शैलेन्द्र प्रताप सिंह सहायक आचार्य, कम्युनिटी मेडिसिन विभाग, डा. विशाल अग्रवाल सहायक आचार्य, कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के साथ ही अन्य वरिष्ठ चिकित्सा शिक्षक डा. छवि जायसवाल, डा. प्रदीप गुप्ता, डा. प्रशांत भट्नागर, डा. रेनू सिंह, डा. जितेन्द्र मिश्रा इत्यादि सदस्य उपस्थित रहे।

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