अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस / राष्ट्रीय बालिका दिवस पर किशोरियाँ ने मुख्यमंत्री को भेजे पोस्टकार्ड

◆ शिक्षा अधिकार की उठाई मांग, जिला विद्यालय निरीक्षक को सौंपा 5 सूत्रीय मांगपत्र

उरई(जालौन)- राष्ट्रीय बालिका दिवस पर जिले की सैकड़ो किशोरियों/लड़कियों ने पोस्ट कार्ड में अपनी समस्याओं को लिखते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को भेजे व जिला विद्यालय निरीक्षक को 5 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा।
“यदि 12वी तक शिक्षा को निःशुल्क और अनिवार्य बना दिया जाए, तो हम में से अनेक लड़कियां, जो निजी स्कूल की फीस वहन करने में सक्षम न होने या 8 के बाद सरकारी स्कूल की अनुपलब्धता के कारण बीच में ही स्कूल छोड़ देती हैं, वे भी अपनी शिक्षा पूरी कर पाएंगीं। ”
यह बात जिले की 500 से अधिक किशोरियों ने मुख्यमंत्री जी के नाम पोस्ट कार्ड लिखते हुए अर्शना मंसूरी, श्रेया, साक्षी, मीनू, राखी व रिहाना मंसूरी ने कही।


अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस जो जनवरी 24 को मनाया जाता है, और इसे भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस अवसर पर जिले में शिक्षा अधिकार पर काम करने बाली संस्था/संगठन – प्रयास जन उत्थान समिति,बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच, बहुजन फाउंडेशन, हिलाल वेल्फेयर सोसाइटी व ‘चैंपियंस फॉर गर्ल्स एजुकेशन’,सीएससीआई,जोश संस्था जो राइट टू एजुकेशन फोरम और स्कोर नेटवर्क (उ. प्र.) के साथ मिलकर काम शिक्षा के लिये काम करता है ।आज लड़कियों को शिक्षा के अधिकार को 12 वी तक बढ़ाने की अपनी मांग उठाने कर समर्थन में जालौन जिले की लगभग 30 से अधिक गावँ व कॉलेज की 500 से अधिक लड़कियों ने पोस्टकार्ड के माध्यम से अपनी मांग को रखा है।
शिक्षा की गुणवत्ता में कमी, शिक्षकों की अनुपस्थिति, अनुपयुक्त शाला भवन, शौचालयों की अनुपस्थिति, सुरक्षा संबंधी चिंताएं, नकारात्मक सामाजिक मानदंड, माता-पिता का लड़कियों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया, माता-पिता की सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ प्रमुख चुनौतियां हैं जो लड़कियों की शिक्षा में बाधा डालती हैं यदि। एक बार स्कूल छोड़ने पर, लड़कियों को अक्सर घर के काम में लगा दिया जाता है, और उनकी जल्दी शादी कर देने या मजदूरी करने के लिए मजबूर किए जाने या मानव तस्करी के जोखिम अधिक हो जाते हैं ।


शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई), 2009 प्रारंभिक शिक्षा को 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए मौलिक अधिकार बनाता है। इस दौरान – कुलदीप कुमार बौद्ध, व रिहाना मंसूरी ने कहां की हम सबको शिक्षा के अधिकार व खासकर बालिका शिक्षा के लिए मिलकर बेहतर प्रयास करने होंगे।

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