उरई(जालौन)। उच्च न्यायालय एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार आज जिला दीवानी न्यायालय जालौन में सम्पन्न हुई विशेश आर्बिट्रेशन लोकअदालत में तीन वादों का निस्तारण किया गया। इससे करीब एक दर्जन से अधिक वादकारी लाभान्वित हुये। इस विशेश आर्बिट्रेशन लोकअदालत में विभिन्न फाईनेन्स कम्पनियों के अधिकारियों और वादकारियों ने सहभागिता की। लोकअदालत को जिला जज तरूण सक्सेना द्वारा न्याय के एक ऐसे वैकल्पिक मंच की संज्ञा दी गयी, जिसमें सुगम, सस्ता और शीघ्र न्याय मिल जाता है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जालौन के तत्वावधान में आयोजित इस विशेष लोकअदालत का शुभारम्भ अपरान्ह जिला न्यायाधीश तरूण सक्सेना द्वारा किया गया। इस अवसर पर जिला न्यायाधीश सक्सेना ने कहा कि फाईनेन्स कम्पनियों के बकायेदारों की परेशानियों को देखते हुये उन्हें इस आर्बिट्रेशन लोकअदालत द्वारा यह अवसर दिया गया है कि वह अपने कर्जे से मुक्ति पा सकते हैं और न्यायिक प्रक्रिया व अन्य कानूनी कार्यवाहियों से बचे रह सकते हैं।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव राजीव सरन द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद न्यायाधीश द्वारा दो मामले एवं विशेश न्यायाधीश ईसी एक्ट प्रमोद कुमार गुप्ता द्वारा एक मामले सहित कुल तीन मामलों का निस्तारण किया गया। इस अवसर पर अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम नोडल अधिकारी लोकअदालत अरूण कुमार मल्ल, विशेश न्यायाधीश द.प्र.क्षे. अंचल लवानिया एवं अपर जिला मजिस्ट्रेट न्यायिक मोतीलाल यादव तथा महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा फाईनेन्स कम्पनी, मैग्मा फाईनेन्स कम्पनी, श्रीराम सिटी यूनियन फाईनेन्स कम्पनी, कोटक महिन्द्रा फाईनेन्स कम्पनी के अधिकारी व अधिवक्तागण आशुतोश चतुर्वेदी, उपेन्द्र प्रताप सिंह आदि अधिवक्तागण उपस्थित रहे।
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