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बिहार:दिव्यांग जनों की पंचतीर्थ की यात्रा हुई संपन्न

बिहार केंद्रीय मानवाधिकार प्रदेश प्रभारी रिपुराज, विनोद कुमार,नील वशिष्ठ एवं बिहार टीम के साथ मुंबई से श्री मणिभद्र भक्ति मंडल द्वारा आयोजित हुई सम्मेद शिखरजी सहित झारखंड और बिहार के पंचतीर्थ की दिव्यांगजन, कैंसर पीड़ित आदि यात्रियों की 11 दिन से चल रही तीर्थ यात्रा संपन्न हुई। इस यात्रा में इस साल 120 दिव्यांग और कैंसर पीड़ित यात्रियों ने इस यात्रा का निशुल्क लाभ लिया। इस यात्रा में श्री मणिभद्र भक्ति मंडल के प्रकाशभाई ढेलावल, रिपुराज,हसमुखभाई परमार, कमलेशभाई शाह आदि ट्रस्टीगण मुख्य रूप से सम्मिलित हुए। 3 जनवरी को सभी यात्री मुंबई के पायधुनी स्थित गोदीजी पार्श्वनाथ जिनालय में सुबह एकत्रित हुए। वहां पर श्री शांतिलालजी गोलेछा इन्होंने यात्रियों से संवाद कर उन्हें जीवन जीने की कला संक्षिप्त शब्दों में बताइ। बाद में मंडल द्वारा यात्रियों को उनके आईडेंटिटी कार्ड, यात्रा 5 जनवरी को अपने पहले स्थान सम्मेद शिखरजी पर पहुंची। लगभग 35 घंटे ट्रेन में चली इस यात्रा में सभी यात्रियों के खानपान और पीनेके पानी की सुविधा उत्तम रही और समय समय पर सभी चीजें यात्रियों को अपनी सीट पर मिली।

सम्मेद शिखरजी में 6 जनवरी का दूसरा दिन सुबह 4:30 बजे पहाड़ की यात्रा प्रारंभ हुई। हर एक यात्री को मंडल द्वारा डोली की सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराई गई। 4 घंटे तक डोली में हर यात्री को पहाड़ पर स्थित तीर्थंकर भगवंतो के महानिर्वाण टूको तक पहुंचाया गया। वहां पर स्थित जैन मंदिर में सभी यात्रियों ने स्नानादि कर भगवान की पूजा-अर्चना के बाद पहाड़ पर सभी को नाश्ता और चाय पानी की व्यवस्था भी कराई गई। दूसरे दिन तलेटी जैन मंदिर के दर्शन करवाए। वहां के भव्य और अद्भुत प्रतिमाजी के दर्शन कर सभी यात्रियों का मन हर्षित हुआ। 8 जनवरी को सुबह अगले पड़ाव के तरफ यात्रा लग्जरी बस द्वारा शुरू हुई। भगवान महावीर स्वामी के केवलज्ञान कल्याणक भूमि ऋजूबालिका के दर्शन कर श्री संभवनाथ भगवान के चार कल्याणक की पावनभूमि काकंदी तीर्थक्षेत्र पहुंची। वहांपर यात्रियों ने प्रभु के ध्यान में मग्न होकर खूब भक्ति की, और भक्ति भावना का आनंद भी लिया। देर रात यात्रा पावापुरी में पहुंची। फिर अगले दिन 24 वे तीर्थंकर श्रमण भगवान महावीर स्वामी की निर्वाण कल्याणक भूमि और मंदिर के सभी ने दर्शन, पूजा-अर्चना की। शाम को मंडल द्वारा खेल और प्रतियोगिता लीगई विजेताओं को तुरंत उपहार भी भेंट स्वरूप दिए गए। इस अवसर पर धूलिया महाराष्ट्र से सम्मिलित हुए यात्री सतीश चोरडिया ने सभी मंडल के यात्रियों के तरफ से मंडल के सेवा और सुविधाओं का गौरव करते हुए मंडल के सम्मान में अपने भावनाओं की अभिव्यक्ति की और साथ ही स्वरचित कविता द्वारा मंडल का गुणगान भी किया। अगले दिन जल मंदिर के दर्शन करवाए गए। और अगले दिन समोसारण मंदिर के दर्शन करवाए गए फिर 11 जनवरी को सभी यात्रियों के सुरक्षा का ध्यान रखते हुए मार्च सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते हुए कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूर्ण रुप से पालन करते हुए, यात्रियों को सुरक्षित दानापुर स्टेशन पर लाया गया। वहां पर खड़े पाटलिपुत्र से कुर्ला जारहे ट्रेन में सभी दिव्यांगजन यात्रियों को सुरक्षित अपने-अपने सीट पर बिठा कर उनका सामान उनतक पहुंचाया गया। और घर वापसी की यात्रा शुरू हो गई। सभी यात्रियों के चेहरे पर घर पहुंचने की खुशी और दस दिन से साथमें रह रहे यात्रियों से बिछड़ने का गम साफ झलक रहा था। पूरे यात्रा में सभी दिव्यांग जनोंसे पूजा करवाई गई। उन सबको सभी पंचतीर्थ के अद्भुत प्रतिमाजी के दर्शन, वंदन और पूजा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

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