कानपुर मेट्रो डिपो पहुंची कानपुर की पहली मेट्रो ट्रेन।

कानपुर मेट्रो की पहली ट्रेन कानपुर पहुंचने के बाद मेट्रो डिपो में अब ट्रेलर से उतारी गई। विधिवत् पूजा समारोह के साथ 40 टन वजनी अत्याधुनिक मेट्रो कोच को दो क्रेनों की सहायता से ट्रैक पर उतारा गया।

इससे पहले18 सितम्बर को माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से इस प्रोटोटाइप ट्रेन का अनावरण किया था और जिसके बाद ट्रेन गुजरात में स्थित एलस्टॉम के फैक्ट्री सावली से रवाना की गई थी। आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत की ‘मेक इन इंडिया‘ परिकल्पना के तहत गुजरात के सावली स्थित मैनुफ़ैक्चरिंग प्लान्ट में तैयार यह ट्रेन महज 08 दिनों के रिकॉर्ड समय में कानपुर पहुंची।

कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के अंतर्गत आईआईटी से मोतीझील के बीच 9 किमी. लंबे प्राथमिक सेक्शन पर नवंबर, 2021 में ट्रायल रन शुरू करने और जनवरी, 2022 में आम जनता के लिए मेट्रो सेवाओं के शुभारंभ का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस उपलब्धि पर, यूपीएमआरसी की टीम को बधाई देते हुए प्रबंध निदेशक श्री कुमार केशव ने कहा, ‘‘कानपुर के लिए पहली मेट्रो ट्रेन का आगमन एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह निकट भविष्य में शहर के सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र में होने वाले युगांतकारी परिवर्तन की पहली झलक है। इस प्रोटोटाइप ट्रेन को कई टेस्टिंग के बाद ट्रायल रन के लिए प्राथमिक सेक्शन पर दौड़ाया जाएगा। इसके साथ ही आने वाले समय में कानपुर के लोग सुगम एवं सुरक्षित मेट्रो यात्रा का लाभ उठा सकेंगे।‘


कॉन्ट्रैक्ट अवॉर्ड होने के बाद 26 फ़रवरी, 2021 को इन ट्रेनों की मैनुफ़ैक्चरिंग का शुभारंभ हुआ था। कोविड-19 की विषम परिस्थितियों के बावजूद, ट्रेनों की मैनुफ़ैक्चरिंग का कॉन्ट्रैक्ट अवॉर्ड होने की तिथि से महज 14 महीने के भीतर पहली ट्रेन की डिलिवरी हुई है। कानपुर के प्राथमिक सेक्शन के लिए 6-8 मेट्रो ट्रेनें और कानपुर के दोनों कॉरिडोर को मिलाकर कुल 39 ट्रेनें आएँगी, जिनमें से प्रत्येक में 3-3 कोच होंगे।


कानपुर की मेट्रो ट्रेनों की विशेषताएँः
1. इन ट्रेनों में ‘रीजेनरेटिव ब्रेकिंग’ का फ़ीचर होगा, जिसकी मदद से ट्रेनों में लगने वाले ब्रेक्स के माध्यम से 45 प्रतिशत तक ऊर्जा को रीजेनरेट करके फिर से सिस्टम में इस्तेमाल कर लिया जाएगा। वायु-प्रदूषण को कम करने के लिए इन ट्रेनों में अत्याधुनिक ‘प्रॉपल्सन सिस्टम’ भी मौजूद होगा।
2. इन ट्रेनों में कार्बन-डाई-ऑक्साइड सेंसर आधारित एयर कंडीशनिंग सिस्टम होगा, जो ट्रेन में मौजूद यात्रियों की संख्या के हिसाब से चलेगा और ऊर्जा की बचत करेगा।
3. ऑटोमैटिक ट्रेन ऑपरेशन को ध्यान में रखते हुए ये ट्रेनें संचारित आधारित ट्रेन नियंत्रण प्रणाली से चलेंगी।
4. कानपुर मेट्रो की ट्रेनों की यात्री क्षमता 974 यात्रियों की होगी।
5. इन ट्रेनों की डिज़ाइन स्पीड 90 किमी./घंटा और ऑपरेशन स्पीड 80 किमी./घंटा तक होगी।
6. ट्रेन के पहले और आख़रि कोच में दिव्यांगजनों की व्हीलचेयर के लिए अलग से जगह होगी। व्हीलचेयर के स्थान के पास ‘लॉन्ग स्टॉप रिक्वेस्ट बटन’ होगा, जिसे दबाकर दिव्यांगजन ट्रेन ऑपरेटर को अधिक देर तक दरवाज़ा खुला रखने के लिए सूचित कर सकते हैं ताक़ी वे आराम से ट्रेन से उतर सकें।
7. ट्रेनों में फ़ायर एस्टिंग्यूशर (अग्निशमन यंत्र), स्मोक डिटेक्टर्स और सीसीटीवी कैमरे आदि भी लगें होंगे।
8. कानपुर की मेट्रो ट्रेनें थर्ड रेल यानी पटरियों के समानान्तर चलने वाली तीसरी रेल से ऊर्जा प्राप्त करेंगी, इसलिए इसमें खंभों और तारों के सेटअप की आवश्यकता नहीं होगी और बुनियादी ढाँचा बेहतर और सुंदर दिखाई देगा।
9. इन ट्रेनों को अत्याधुनिक फ़ायर और क्रैश सेफ़्टी के मानकों के आधार पर डिज़ाइन किया गया है।
10. हर ट्रेन में 24 सीसीटीवी कैमरे होंगे, जिनका विडियो फ़ीड सीधे ट्रेन ऑपरेटर और डिपो में बने सेंट्रल सिक्यॉरिटी रूम में पहुँचेगा।
11. हर ट्रेन में 56 यूएसबी (न्ैठ) चार्जिंग पॉइंट्स भी होंगे।
12. इन्फ़ोटेन्मेंट के लिए हर ट्रेन में 36 एलसीडी पैनल्स भी होंगे।
13. टॉक बैक बटनः इस बटन को दबाकर यात्री आपात स्थिति में ट्रेन ऑपरेटर से बात कर सकते हैं। यात्री की लोकेशन और सीसीटीवी का फ़ुटेज सीधे ट्रेन ऑपरेटर के पास मौजूद मॉनीटर पर दिखाई देगा।

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