जालौन। ग्रामीण क्षेत्रों में बने सार्वजनिक सामुदायिक शौचालय की साफ सफाई के लिए तैनात कर्मचारियों के लिए लोग अभी से लगाने लगे हैं जुगाड़ अगर सूत्रों की मानें तो इसके लिए शुरू हो गया लेन-देन का खेल स्थानीय प्रशासन जानबूझकर बना रहा है अनजान बाल्मीक समाज की प्राथमिकता को भी किया जा रहा है नजर अंदाज। जालौन ब्लॉक क्षेत्र की 62 ग्राम पंचायतों में बने कुछ सार्वजनिक शौचालय में पहले ही सरकारी धन का इस कदर बंदरबांट किया गया।
कि उक्त शौचालय की गुणवत्ता पर प्रश्नन लगता है रहा है तमाम समाचार प्रकाशित किए गए। लेकिन भ्रष्टाचार चरम पर होने से किसी भी अधिकारी और भी सफेदपोश नेताओं ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तीसरे नंबर ईटा तथा मसाला 1-15 जो मानक की जमकर धज्जियां उड़ाई गई।
अब इन्हीं शौचालयों की साफ सफाई के लिए एक कर्मचारी तैनात किए जाना है।
उसको लगभग रू6000-9000 मानदेय के रूप से मिलेंगे इसके लिए सचिव और प्रधान आपस में अपनी सांठगांठ करना शुरू कर दिया तथा गांव में इसकी गुपचुप तरीके से बोली लगना शुरू भी हो गया जबकि इसकी खुली बैठक कर गांव के बाल्मिक समाज की असहाय तथा विधवा महिला को पहले प्राथमिकता है तथा तत्पश्चात पुरुष इसके बाद अन्य लोगों को तैनात किया जाएगा लेकिन इसमें खेल शुरू हो गया और कर्मचारी की तैनाती प्रधान तथा सचिव के लिए कमाई का जरिया बनता जा रहा है।

अब देखने वाली बात यह हैं कि इस मामले पर उच्चधिकारियो द्वारा क्या कार्यवाही की जाएगी।

रिपोर्ट-अमित कुमार जनपद जालौन।