कोंच(जालौन) कोंच इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल के तत्वावधान में केंद्रीय शिक्षामंत्री डॉ० रमेश पोखरियाल निशंक की रचनाधर्मिता पर डिजिटल चर्चा की गई।
वर्चुअल आयोजित कार्यक्रम में वर्सा विश्वविद्यालय पौलेंड देश के चेयर हिंदी आई०सी०सी०आर० एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ० सुधांशु कुमार शुक्ला ने कहा कि रमेश जी के साहित्य में संवेदना, समाज,संस्कृति, लोक जन जागृति आदि सभी गुण है। इनके साहित्यिक पात्र समाज के जीते जागते उदाहरण है,बिना लाग लपेट के इनके पात्र बोलते हैं।
डॉ० शुक्ला ने डॉ रमेश के साहित्य में नारी विषय को बहुत ही जीवंत तरीके से उठाते हुए उन पर बहुत ही सुंदर बात कही और श्रेताओं को निशंक जी की अलग अलग कहानियों की नारी पात्रों की विशेषता को बताया।


डॉ० शुक्ला ने बताया कि रमेशजी के नारी पात्र प्रसाद और दिनकर के नारी पात्रों की तरह सुंदर न हो पर चारित्रिक दृष्टि से वे समाज का मार्गदर्शन करने वाले पात्र है। ये सकारात्मक दृष्टि के पात्र राष्ट्र के भविष्य को उज्ज्वल करते दिखाई देते हैं। डॉ० शुक्ला ने विश्वस्तरीय नोबल पुरस्कार विजेता साहित्य ओल्गा तोकाचुर्क से निशंक के साहित्य की तुलना उदाहरण सहित अपने व्याख्यान में की।
गौरतलब हो कि वर्तमान में डॉ सुधांशु विश्व मंच पर हिंदी का परचम लहराने वाले समीक्षक, आलोचक और साहित्यकार है इन्होंने प्रवासी हिंदी साहित्य को नए आयाम दिये है, इनकी लेखनी से प्रवासी साहित्य को नवजीवन मिला है, डॉ शुक्ला शिक्षामंत्री निशंक के साहित्य पर आत्मीयता के साथ शोधपरक दृष्टि रखते हुये बड़े स्तर पर लेखन किया है।


कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गीतकार डॉ० रचना तिवारी ने निशंक के गीतों को अपनी मधुर आवाज में गाकर श्रेताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। डॉ० रचना तिवारी का गायन और गीत के प्रति शोधपरक दृष्टिकोण दोनों अनूठे है। कार्यक्रम का संचालन कोंच इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल के संस्थापक/संयोजक पारसमणि अग्रवाल ने किया आभार व्यक्त फेस्टिवल गोरखपुर इकाई की हैड अर्पिता सिंह राजपूत ने किया।