उरई(जालौन)।प्रदेश में वर्षा के समय नदियों, बड़े नालों आदि में अधिक पानी आने से लोगों के घर, गांव, फसल आदि में जलभराव हो जाता है, इससे जनता और किसानों का आर्थिक नुकसान होता है। सरकार का ध्येय है कि प्रदेश का हर व्यक्ति बाढ़, जल प्लावन से सुरक्षित रहे, और उसका कोई नुकसान न होने पाये। इसीलिए सरकार ने सिंचाई विभाग से बनाये जा रहे बाढ़ परियोजनाओं को स्वीकृत करते हुए भारी मात्रा में लोगों को बाढ़ व जल प्लावन से निजात दिला रही है। प्रदेश में कोविड महामारी के बावजूद सरकार द्वारा बाढ़ की तैयारियों के समस्त कार्य समयानुसार कराये जा रहे हैं। वर्ष 2020-21 में सिंचाई विभाग के अन्तर्गत 254 बाढ़ परियोजनाएं संचालित थीं जिनमें से 83 परियोजनाओं के कार्य बाढ़ काल 2020 के प्रारम्भ होने से पूर्व माह जून तक पूर्ण कर लिए गये थे तथा शेष परियोजनाओं के कार्य सुरक्षित स्तर तक इस प्रकार बनायें गये कि उनका लाभ जनता को प्राप्त हो सके। अतिसंवेदनशीन स्थलों जिन पर बाढ़ परियोजनाएं स्वीकृत नहीं थी, उन स्थलों पर अनुरक्षण मद से अति आवश्यक कार्य कराकर क्षेत्रीय लोगों को बाढ़ से सुरक्षा प्रदान की गयी। माह दिसम्बर, 2020 तक 146 परियोजनाएं पूर्ण की गयी तथा वर्ष के अन्त तक अर्थात माह मार्च, 2021 तक 193 परियोजनाएं पूर्ण की गयी। वर्तमान वर्ष में अब तक कुल 215 परियोजनाएं पूर्ण हुई है। शेष परियोजनाओ के निर्माण कार्य तेजी से हो रहे हैं। जो शीघ्र ही पूर्ण हो जाएंगे। प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि बाढ़ बचाव हेतु बाढ़ परियोजनाओं का कार्य समय से प्रारम्भ हो, गुणवत्तापरक हो तथा पूर्ण पारदर्शिता के साथ सम्पादित कराये जाएं। इस वर्ष के बाढ़ काल की तैयारियों के दृष्टिगत मा0 मुख्यमंत्री जी ने माह जनवरी, 2021 में ही बाढ़ कार्य हेतु पुनर्विनियोग के माध्यम से सिंचाई विभाग को धनराशि उपलब्ध करायी, जिसके अन्तर्गत 184 नई बाढ़ परियोजनाओं पर धनराशि स्वीकृत की गयी तथा समस्त कार्य माह फरवरी, 2021 में प्रारम्भ कर दिये गये। विश्वव्यापी कोरोना महामारी के संकट काल में भी बाढ़ परियोजनाओं में तेजी से कार्य किया गया, जिसके फलस्वरूप 22 से अधिक परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी है तथा शेष अधिकांश परियोजनाएं पूर्णता की ओर अग्रसर है। परियोजनाओं के कार्य मानसून के पूर्व होने से जनता जनार्दन बाढ़ से सुरक्षित होगी और जनधन की हानि नहीं होगी। प्रदेश सरकार प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षा के दौरान जल प्लावन की समस्या के निराकरण करने के उद्देश्य से समस्त ड्रेनों/नालों की सफाई कराये जाने का अभियान भी प्रारम्भ कर दिया है। ड्रेनों/नालों के इस सफाई कार्यक्रम में उन पर निर्मित क्षतिग्रस्त पुल/पुलियों के जीर्णोद्धार भी कराया जा रहा है। सिंचाई विभाग के अन्तर्गत कुल 10787 नाले है जिनकी कुल लम्बाई 60205 किमी0 है। इनमें से वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2751 नालों की 13300 किमी0 लम्बाई, वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2481 नालों की 12073 किमी0 लम्बाई में सफाई कराई गयी।
वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 में 4811 नालो की 23944 किमी0 लम्बाई में सफाई करायी जा रही है। नालों पर सफाई के कार्यो से ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि भूमि जलप्लावन से मुक्त हो सकेगी जिससे कृषकों की फसलों की क्षति को रोका जा सकेगा।

रिपोर्ट-अमित कुमार जनपद जालौन।