🚨जालौन की मीडिया हुई पुलिस उत्पीड़न से परेशान,लामबन्द होकर पत्रकारों ने डीएम को सौंपा ज्ञापन जबरन करवाये वीडियो डिलीट

जनपद जालौन के पत्रकार पुलिस की दमनकारी और उत्पीड़णात्मक कार्यवाही के लगातार शिकार हो रहे हैं,जिसको लेकर पूरे जनपद जालौन के पत्रकारों में रोष व्याप्त हो गया है।

इसी रोष के चलते  पत्रकारों ने उरई के कलेक्ट्रेट में जिला प्रशासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया।
इस मौके पर  जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन को ज्ञापन देकर पत्रकारों का उत्पीड़न बंद करने की मांग की है।

जिला मुख्यालय उरई के कलेक्ट्रेट में पत्रकार साथियों की अगुवाई कर रहे
मनोज राजा के नेतृत्व में कई पत्रकारों ने धरना प्रदर्शन किया,जहां उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन देते हुए बताया कि पत्रकारों को लगातार निशाना बनाकर उन को दबाव में लेने का पुलिस अधिकारियों द्वारा प्रयास किया जा रहा है साथ ही पत्रकारों ने जिलाधिकारी को अवगत कराते हुए बताया कि भृष्ट मंडी चौकी इंचार्ज अभिषेक सिंह की खबरें सैटेलाइट न्यूज़ चैनल वेब न्यूज़ चैनल में प्रसारण और अखबारों में  प्रकाशित हो जाने  पर कोतवाली उरई द्वारा पत्रकारों के विरुद्ध 7 अज्ञात पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया जो कि सीधे तौर पर पत्रकारों को दबाव में लेने का प्रयास है।

इसके अलावा पूर्व में  कालपी के मांगरोल में पत्रकार पर मुकदमे अवधेश बाजपेई के द्वारा रामपुरा के पत्रकार पर मुकदमे और उरई के पत्रकार साथियों पर पुलिस मामले दर्ज कर चुकी है।ठीक इसी प्रकार कोच तहसील में भी पत्रकारों के खिलाफ कार्यवाही हुई है।यही नही आटा थाने के अंतर्गत इटौरा के भी दो पत्रकारों के खिलाफ पुलिस ने कार्यवाही की है साथ ही अभी हाल ही में पुलिस उत्पीड़न के चलते एक युवक ने आत्महत्या कर ली और फिर जिसका वीडियो भी पत्रकारों द्वारा बना लिया गया था तभी सीओ सिटी उरई ने मीडिया कवरेज के दौरान पत्रकार साथियों द्वारा बनाए गए वीडियो को उरई सीओ ने मोबाइल छीन कर वीडियो डिलीट करा दिये। जो सीधे तौर पर पत्रकारों के अधिकारों का हनन है। कोरोना काल मे होने वाली लापरवाही फैली हुई गन्दगी और अव्यबस्थाओ का कवरेज करने के लिये पत्रकार मेडिकल कॉलेज या जिला अस्पताल जाता है तो उसके साथ चिकित्सा विभाग बसूलीकी पर उतर आता है और उसे बेज्जती कर धमका कर लौटा दिया जाता है।क्योंकि पत्रकार खुद और कैमरामैन दो ही होते है और स्टाफ दर्जनों के हिसाब से जो कि उनके लिए घातक सिद्ध हो सकता है।
इतना ही नही इसके साथ ही अगले दिन एक नोटिस जारी किया जाता है।जिसमे पत्रकारों को न्यूज़ कवरेज पर अंकुश लगाने का प्रयास किया जाता है।

जिससे पत्रकारों में गहरी नाराजगी हो गयी है इसके चलते पत्रकारों ने  जिलाधिकारी से मांग की है कि पत्रकार अपना काम कानून के दायरे में रह कर ईमानदारी के साथ काम कर रहे है फिर भी कुर्सी और वर्दी की हनक दिखा कर पत्रकारों का उत्पीड़न किया जा रहा है।जिले की पुलिस और पुलिस के उच्च अधिकारी लगातार पत्रकारों को प्रताड़ित करने में लगे हैं।

देखने वाली बात ये है कि कोरोना काल में पत्रकार अपनी जान जोखिम में डालकर खबर का कवरेज, प्रसारण और प्रकाशन कर रहे हैं वहीँ एक ओर  सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ द्वारा भी पत्रकारों को सम्मान देने की बात कही गयी है और माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी कवरेज के दौरान सच्चाई को सामने रखने की बात कही है इस दौरान अगर कोई कवरेज और प्रकाशन को रोकता है तो उसे अवमानना की श्रेणी में रखने की बात कही है। इसके बावजूद भी पत्रकारों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है जिसे देख लगता है कि न तो  मुख्यमंत्री की बात की कोई अहमियत है और न ही माननीय उच्चतम न्यायालय की जिसे देख लगता है कि प्रशासन ही सर्वे-सर्वा है माई बाप है।होने वाली  कार्यवाहीयो को देख  लगता है कि अब राम के राज्य में राम ही मालिक है।

मगर अब जिले के पत्रकारों ने भी  अपनी कमर कस ली है पत्रकारों का मानना है कि अब यदि किसी भी पत्रकार के खिलाफ अनावश्यक रूप से मुकदमा दर्ज कराया गया तो पत्रकार इसके खिलाफ आंदोलित हो जाएंगे और न्यायलय का भी दरवाजा खट खटाएगे जिसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।

इस विरोध प्रदर्शन के दौरान मनोज राजा के नेतृत्व में अलीम सिद्धकी अजय श्रीवास्तव  संजय गुप्ता विनय गुप्ता श्याम बिहारी आशीष शिवहरे नितिन कुमार विशाल वर्मा विक्की परिहार अमित कुमार मयंक राजपूत
सहित कई पत्रकारों ने धरना प्रदर्शन किया

*रिपोर्ट-जनपद जालौन से soni news के लिए अमित कुमार।*