उरई(जालौन)।समाजवादी छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष के ऊपर हुए लाठीचार्ज एवं केंद्र तथा प्रदेश सरकार की दमनकारी नीतियों और महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार को लेकर जनपद में समाजवादियों ने एक बड़ा आंदोलन शुरू किया।हालांकि जिलाध्यक्ष की हीलाहवाली के चलते यह आंदोलन अलग अलग धड़ों में बंटा रहा। खासकर युवा सपाइयों ने जनपद में जिस तरीके से आंदोलन किया उससे प्रशासन भी हिल गया था।इस आंदोलन को लेकर पुलिस ने आठ समाजवादी युवा सपाइयों को जेल भेज दिया था जो कि आज  45 दिन बाद रिहा किए गए।रिहाई के दौरान भारी मात्रा में युवा सपाई जेल पहुंचे और जेल से छूटे हुए समाजवादी नेताओं का फूलमालाओं से स्वागत किया।

30 अगस्त को जिला परिषद से पुलिस ने आठ समाजवादियों को गिरफ्तार कर लिया था। यह युवा समाजवादी नेता छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष की गिरफ्तारी और लाठीचार्ज सहित कई जनसमस्याओं को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। इन आठ समाजवादियों को पुलिस ने जेल भेज दिया था। गिरफ्तार युवा सपाइयों में छात्र सभा के पूर्व जिलाध्यक्ष अनुपम गुर्जर, धीरेंद्र सिंह सनी, मिलन यादव, इमरान अंसारी, दिलीप यादव, मोहित यादव, दिलशाद शामिल थे। गिरफ्तार युवा समाजवादियों को छुड़ाने के लिए कई बार प्रयास किए गए लेकिन हर बार कोई न कोई एेसी अड़चन लग गई कि जेल से समाजवादी बाहर नहीं निकल सके। आखिरकार पूर्व जिलाध्यक्ष वीरपाल सिंह यादव दादी और समाजवादी लोहिया वाहिनी के पूर्व प्रदेश सचिव तेजप्रताप यादव सहित कई सपाइयों की मेहनत रंग लाई। गुरुवार को जेल में बंद समाजवादी छोड़ दिए गए। जेल से रिहा होते ही पूर्व जिलाध्यक्ष वीरपाल सिंह यादव दादी, तेजप्रताप यादव सहित कई समाजवादियों ने छूटे हुए युवा सपाइयों को फूलमालाओं से लाद दिया।

इस मौके पर पूर्व जिलाध्यक्ष वीरपाल सिंह यादव दादी ने कहा कि लाठी खाने और जेल जाने से समाजवादी कभी डरते नहीं हैं। केंद्र तथा प्रदेश सरकार की नीतियों के खिलाफ समाजवादियों का आंदोलन जारी रहेगा।
नहीं पहुंचे सपा जिलाध्यक्ष
चवालीस दिन जेल में रहने के बाद युवा सपाइयों के जेल से रिहा होने की खबर सुनकर पूर्व जिलाध्यक्ष वीरपाल सिंह यादव दादी, पूर्व विधायक शिवराम कुशवाहा, पूर्व प्रदेश सचिव लोहिया वाहिनी तेजप्रताप यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेंद्र बजरिया, टिंकू मौखरी, फरहत उल्ला, पृथ्वी सिंह यादव, महेंद्र कठेरिया, वेद यादव, भानु वर्मा सहित कई नेता जेल पहुंचे लेकिन हद तो तब हो गई जब समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष कहीं भी नजर नहीं आए जिसको लेकर सपाइयों में चर्चाओं का बाजार गरम रहा। हालांकि यह पहला मौका नहीं है जेल में बंद युवा सपाइयों को छुड़ाने के लिए सपा जिलाध्यक्ष नवाब सिंह यादव पूरी तरह से विफल साबित हुए। वहीं समाजवादी पार्टी का दूसरा धड़ा इन युवाओं को छुड़ाने के लिए प्रयासरत रहा। खास तौर से सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरपाल सिंह यादव व लोहिया वाहिनी के पूर्व प्रदेश सचिव तेजप्रताप यादव कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से भी मिले।
छूटे सपाइयों ने लिया पूर्व जिलाध्यक्ष का आशीर्वाद
जिले के सपा नेतृत्व एवं दिग्गज सपाइयों द्वारा जेल में बंद सपाइयों को छुड़ाए जाने को लेकर कोई भी प्रयास नहीं किया गया जिसका आक्रोश जेल में बंद युवा सपाइयों में भी देखने को मिला।वहीं जेल में बंद सपाइयों के परिजनों में भी पार्टी के जिम्मेदारों के प्रति आक्रोश व्यक्त किया गया कि जब जिम्मेदार ही युवा पीढ़ी को साथ लेकर चलना नहीं चाहते हैं तो क्या फायदा। हालांकि जेल से छूटे युवा सपाइयों ने सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरपाल यादव दादी को धन्यवाद दिया और उनका आशीर्वाद लिया और कहा कि जिस तरीके से आप लोगों ने अथक प्रयास किया उसका ऋण चुका पाना बहुत मुश्किल है।

रिपोर्ट-अमित कुमार जिला क्राइम रिपोर्टर के साथ रंजीत सिंह।