उरई(जालौन)।सरहद पर रहकर भारतीयों को चैन से सोने व खुद पहरेदारी कर रात-दिन सुरक्षा की कमान संभालने वाले जवानों को हम भारतीय के वास्तविक रुप से सहृदय धन्यवाद के पात्र होते है यदि देखा जाये तो उन फौजीयों का दिल मौम की तरह मर्म होता है काफी हद तक तो गरीबों की प्राकृतिक दुर्दशा देख अपने खाने का निवाला उन गरीब असहाय व्यक्तियों को दे देते है ऐसा ही कुछ देखने में आया बी एस एफ से रिटायर फौजी कमलेश शिवहरे व उनकी पत्नी संतोषी शिवहरे ने गरीब व असहाय व्यक्तियों को फल वितरण किये

कोरोना जैसी गम्भीर महामारी में स्थिति को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री को एक अहम फैसला लेने के लिए मजबूर होना पड़ा जिससे पूरे भारत मे 21 दिनो का लॉक डाउन किया गया इस जैवीय आपदा में गरीब,मजदूर,असाह व्यक्तियों को फल,आटा, दाल, चावल अन्य खाद्दान्न के सामान में मदद करना एक उदारवादी व्यक्ति की पहचान में अहम भूमिका निभाता है।