राजकीय मेडिकल कॉलेज की निरस्त मान्यता फिर हुई बहाल
राजकीय मेडिकल कॉलेज के मंडराए काले बादल फिर छटे
उरई (जालौन) जैसा की विदित है कि राजकीय मेडिकल कॉलेज जालौन की स्थापना वर्ष 2006 में हुई थी एमबीबीएस का प्रथम बैच इस मेडिकल कॉलेज वर्ष 2013 में प्रारंभ किया गया था तब से समय-समय पर एमसीआई नई दिल्ली के निरीक्षण हुए। नियमित बेच के संचालित हेतु अनुमति एमसीआई नई दिल्ली के द्वारा दी जा रही थी अंतिम मान्यता जो एमसीआई नई दिल्ली के अंतिम वर्ष में एमबीबीएस वार्षिक परीक्षा के समय एमसीआई नई दिल्ली द्वारा निरीक्षण किया गया है। समय पठन-पाठन का स्थान एवं अध्यान तक छात्रों को दी जाने वाली सुविधाएं रिसर्च के कार्यों की समीक्षा एवं विभिन्न बिंदुओं पर निरीक्षण किया जाता है और मेडिकल कॉलेज के लिए संचालित किया गया था एक मेडिकल कॉलेज के छात्रों का समन्वय स्थापित करते हुए। मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया गया था। आप अवगत हैं कि मेडिकल कॉलेज तिथि स्तर की सुविधाओं को प्रदान करने के लिए संचालित किया गया है प्रत्येक मेडिकल कॉलेज के नियमित संचालन व्यवस्था करो से सर्विस के चैन लॉन्ड्री छात्रों की शिक्षा प्रशिक्षण इत्यादि चार प्रकार की सुविधाओं का समन्वय स्थापित करते हुए मेडिकल कॉलेज का संचालन किया गया है इन समस्त सेवाओं के बेहतर कोआर्डिनेशन पठन-पाठन एवं परीक्षाओं के स्तर पर खरा उतरने पर ही चिकित्सा महाविद्यालय को मान्यता प्रदान की गई। मान्यता प्रदान करने की संस्कृति माननीय उच्च न्यायालय की देखरेख में गठित बोर्ड ऑफ गवर्नर को प्रेषित की जाती है। बोर्ड ऑफ गवर्नर के सुपर शेसन एम० सी ०आई नई दिल्ली द्वारा प्रस्तुत की गई। रिपोर्ट पर गहन परीक्षण के उपरांत मान्यता देते हुए प्रमाण प्रपत्र प्रदान किया गया। यह सभी जानकारी प्रधानाचार्य डॉ ० दिजेंद्र नाथ ने दी। उनके साथ स्टॉप डॉक्टर डॉ सीपी पुरोहित , मनोज वर्मा, डॉक्टर जी एस चौधरी, डॉक्टर सुमित सचान, डॉक्टर अरुण सिंह रहे।
रिपोर्ट- अमित कुमार के साथ रंजीत सिंह