पीडि़त को ही थाने में बैठाया, कप्तान के आदेश पर छोड़ा
माधौगढ़। कोतवाल का मनमर्जी भरा अडिय़ल रवैया पीडि़तों पर भारी पड़ता जा रहा है। किसी के साथ कोई घटना हो जाती है तो पुलिस अपने तरीके से दबाव बनाकर उसे मामले को निपटाना चाहती है और अगर नहीं निपटता तो अपने तरीके से रिपोर्ट दर्ज करती है।
एेसे ही एक मामले में कोतवाली पुलिस ने चौदह हजार दो सौ रुपए छीनने के मामले में रिपोर्ट दर्ज न कर मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कर दी। कैलोर गांव के अभिषेक पुत्र धर्मेंद्र का आरोप है कि 30 मार्च को ग्यारह बजे बिरिया मंदिर के पास संदीप पुत्र सुरेश ने उससे पेप्सी के चौदह हजार दो सौ रुपए जबरन छुड़ा लिए। हालांकि अभिषेक को तीन सौ रुपए देने थे। बकौल अभिषेक पहले उसे लगा कि उसके साथ मजाक किया लेकिन जब संदीप पैसे लेकर मिर्जापुर की तरफ भाग गया तो उसने पुलिस के कोबरा सिपाहियों को पूरा मामला बताया। उसके बाद उसको पकडक़र थाने में बैठाया गया लेकिन रिपोर्ट दर्ज करने की बजाय पुलिस ने पीडि़त को समझौता करने के लिए धमकाना शुरू कर दिया। साथ ही उसे जेल भेजने की धमकी देकर थाना में बंद कर दिया। मामला एसपी तक पहुंचा तो कोतवाल नागेंद्र पाठक बैकफुट पर आए और पीडि़त की तहरीर बदलवाकर अपनी मर्जी से मारपीट की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर दी।