‘‘ महिला सप्ताह‘‘ के अन्तर्गत विशेष जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन

 

दर्जनों आशा बहुयें, आगंनबाड़ी सुपरवाईजर और कार्यकत्री महिलायें रहीं उपस्थित ।

उरई/जालौन: राष्ट्रीय महिला आयोग एवं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संयुक्त रूप से तहसील सभागार उरई में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष माननीय जनपद न्यायाधीश श्री तरूण सक्सेना के निर्देशन में महिलाओं को कानूनी जानकारी देने हेतु ‘‘ महिला सप्ताह‘‘ के अन्तर्गत विशेष जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये अपर प्रधान कुटुम्ब न्यायाधीश श्रीमती अमृता शुक्ला द्वारा महिलाओं को बताया गया कि वैवाहिक/दाम्पत्य विवादों को प्रारम्भिक स्तर पर ही निपटाये जाने के लिये आवेदन पत्रों को अंगीकृत करने का सरल तरीका जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा अपनाया जा रहा है। पति-पत्नी के मध्य मामूली विवाद को थाना, कोर्ट-कचहरी तक ले जाने से बचना चाहिये बल्कि मामूली विवाद या मतभेद को परस्पर मिल बैठकर निपटा लेना चाहिये। कुटुम्ब न्यायालय में भी इसी बात पर जोर दिया जाता है कि परिवार किसी भी स्थिति में विघटित न हो। परिवार जैसी पवित्र संस्था को बचाये रखने के लिये न्यायालय में सुलह-समझौता (मीडियेशन) की व्यवस्था की गयी है। दाम्पत्य प्रकृति के समस्त विवादों में हर स्तर पर पति-पत्नी के मध्य सुलह की कोशिशे की जाती है। विषम परिस्थिति /अपवाद की स्थिति में ही तलाक को मन्जूरी दी जाती है। इनके अतिरिक्त महिलायें धारा-125 सी.आर.पी.सी., हिन्दू विवाह अधिनियम एवं घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत गुजारे भत्ते की मांग कर सकती हैं और तलाकशुदा पत्नी को भी अपने पति की पैतृक सम्पत्ति से हिस्सेदारी व दूसरी शादी करने तक भरण – पोषण लेने का अधिकार प्राप्त है।
इस शिविर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती रेनू यादव द्वारा राष्ट्रीय/राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं/परियोजनाओं की जानकारी देते हुये प्राधिकरण की संरचना, इसके उद्देश्य व कार्यों के विषय में उपस्थित महिलाओं को बताया गया। उन्होंने बताया कि पति और पिता की पुस्तैनी सम्पत्ति में उनको पूरा अधिकार प्राप्त है। शादी के बाद भी महिला को पिता की सम्पत्ति में कानूनी अधिकार प्राप्त है। महिलाओं को पी0सी0-पी0एन0डी0टी0 एक्ट के विषय में बताते हुये कन्या भ्रूण हत्या रोकने पर बल दिया।

राष्ट्रीय महिला आयोग की रिसोर्स-पर्सन श्रीमती मन्जूलता एडवोकेट ने महिलाओं को राष्ट्रीय महिला आयोग के कार्यों एवं इसकी भूमिका और संविधान में महिलाओं को प्राप्त कानूनी एवं स्वास्थ्य के अधिकारों के बारे में विस्तार से बताया। जिला श्रम प्रवर्तन अधिकारी श्री जगदीश वर्मा द्वारा महिला श्रमिकों के अधिकारों की जानकारी दी गयी। तहसीलदार/सचिव उरई श्री कुमार भूपेन्द्र, सीडीपीओ0 उरई श्रीमती विमलेश आर्या एवं महिला कल्याण अधिकारी सुश्री अल्कमा अख्तर ने विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। इस शिविर का संचालन श्री महेश सिंह परिहार ने किया।

इस शिविर में डी0एल0एस0ए0 रीडर श्री अश्वनी कुमार मिश्रा, लीगल ऐड क्लीनिक के पूर्व पैनल सदस्य श्री अनिल कुमार शर्मा, अधीक्षक समाज कल्याण देवेन्द्र त्रिवेदी, परामर्शदाता जिला प्रोबेशन विभाग सुरेश कुमार, लेखपाल अरविन्द कुमार नायक, पी0एल0वी0 टीम लीडर योगेन्द्र सिंह तखेले, अनुराग स्वर्णकार, करन सिंह यादव, देवेन्द्र सिंह आजाद, रामदेव चतुर्वेदी, धर्मेन्द्र कुमार, श्रीमती दीक्षा तिवारी समेत दर्जनों आशा बहुयें, आगंनबाड़ी सुपरवाईजर और कार्यकत्री महिलायें उपस्थित रहीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.