एक हजार से अधिक बच्चों ने दी “निपुण भारत खोज” की परीक्षा

उरई(जालौन)। निपुण बालक बालिका खोज प्रतियोगिता की जिला स्तरीय परीक्षा का आयोजन बीआरसी मडोरा में संम्पन्न हुई।’
निपुण भारत मिशन के अंतर्गत बेसिक शिक्षा के कक्षा 1 से 3 तक बच्चों को जनपद की पहली और अनूठी पहल कर निपुण बालक बालिका खोज प्रतियोगिता का आयोजन बेसिक शिक्षा विभाग के साथ मिलकर शुरू की। अभी तक इस परीक्षा के तीन चरणों को पूर्ण कर लिया गया। पहले चरण में कक्षा 1 से 3 तक सभी बच्चों को निपुण लक्ष्य ऐप्प के माध्यम से शिक्षकों का मूल्यांकन किया जिसमें 1188 प्राथमिक और प्राथमिक कम्पोजिट विद्यालयों के कक्षा वार 5 टॉप बच्चों को अगले चरण के लिए नॉमिनेट किया जिनकी संख्या 13455 थी। इन 13455 बच्चों का अकादमिक टीम द्वारा वेरिफिकेशन और मूल्यांकन कर टॉप मोस्ट कक्षा वार 1 बच्चें को न्याय पंचायत स्तर की परीक्षा के लिए चयनित किया गया इस प्रकार से न्याय पंचायत स्तर की परीक्षा में 3530 के सापेक्ष 3430 बच्चों ने उपस्थित होकर परीक्षा दी। जिसमें अगले चरण यानि ब्लॉक स्तर की परीक्षा के लिए प्रत्येक कक्षा से टॉप मोस्ट 1 बच्चा सिलेक्ट कर उसकी परीक्षा बीआरसी पर कराई गई जिसमें 246 के सापेक्ष 219 बच्चों परीक्षा में शामिल हुए।

इन बच्चों में से प्रत्येक ब्लॉक से कक्षावार टॉप मोस्ट 1 बच्चा सिलेक्ट होकर जिला स्तर के लिए क्वालीफाई किया और क्वालीफाई 31 बच्चों ने जिला स्तर पर बीआरसी मडोरा में बने परीक्षा केंद्र पर आयोजित परीक्षा में प्रतिभाग किया और परीक्षा के दोनों चरण लिखित और क्विज में अपनी प्रतिभा के अनुसार प्रदर्शन किया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सचिन कुमार ने बताया कि इनका परिणाम एक हफ्ते के अंदर जारी किया जाएगा और वृहद कार्यक्रम करा कर जिला स्तर पर चयनित सभी बच्चों को पुरस्कृत और सम्मानित जिलाधिकारी द्वारा किया जाएगा। जिला समन्यवक प्रशिक्षण विश्वनाथ दुबे और एस. आर. जी. टीम से लोकेश पाल, अभिलाष तिवारी, नितिन आनंद पाल ने चर्चा के दौरान बताया कि प्रथम स्तर से लेकर जिला स्तर तक जो बच्चे चयनित हुए है इनका मौखिक, भाषीय, व्यवहारिक, सामान्य जानकारी और लिखित आदि पहलू पर ज्ञान को परखा गया है इसके लिए राज्य अध्यापक पुरुस्कार प्राप्त शिक्षकों और विषय विषज्ञयों द्वारा प्रश्न पत्र निर्माण का कार्य कराया गया। आज परीक्षा में 31 बच्चे प्रतिभाग किए जिनका लिखित परीक्षा के उपरांत साक्षात्कार एवं सामान्य ज्ञान के प्रश्न पूछकर मूल्यांकन किया गया. परीक्षा का परिणाम घोषित कर इन्हें शीघ्र जिलाधिकारी द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। परीक्षा का निरीक्षण परियोजना निदेशक डीआरडीए डॉक्टर शिवाकांत द्विवेदी एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सचिन कुमार द्वारा किया गया।

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