0कटान रुकने से धार्मिक तथा ऐतिहासिक धरोहरें होंगी सुरक्षित
कालपी(जालौन)। कालपी मे बहने वाली यमुना नदी की जलधारा से कटान को रोकने तथा ऐतिहासिक तथा धार्मिक स्मारकों की सुरक्षा के लिए सिचाई बिभाग द्वारा मोटी दीवार का निर्माण कार्य कराया जाएगा। इसके लिए जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के द्वारा 22 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत करके आवंटित की गई है।


कालपी विधायक विनोद चतुर्वेदी ने बताया कि कालपी में यमुना नदी के दाहिने किनारे में प्राचीन धर्मस्थल, घाट तथा ऐतिहासिक चंदेल कालीन दुर्ग समेत महत्वपूर्ण धरोहरें स्थापित हैं। हर साल बाढ़ के आ जाने से दाहिनी किनारे पर मिट्टी का कटान होता रहता है, मिट्टी के कटान होने के कारण चंदेल कालीन दुर्ग समेत कई प्राचीन धरोहरों का गिरने की आशंका बनी हुयी थी। यमुना नदी के कटान से बचाव करने के लिए दो दशक से मांग उठाई जाती रही है। उन्होंने ने बताया कि ऐतिहासिक एवं धार्मिक धरोहरों को यमुना नदी के कटान से बचाने के लिए प्रस्ताव तैयार करके जल शक्ति मंत्रालय को भेजे गए थे। प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के द्वारा अधिकारियों तथा इंजीनियरों से सर्वे कराया गया था, जिसके बाद कालपी क्षेत्र में बहने वाली यमुना नदी के दाहिने हिस्से में चार अलग-अलग स्थानों का सर्वे करके इस्टीमेट तैयार किया गया, जिसमें शेखपुरा गुढा, मगरौल तथा गुढ़ा खास की बाढ से सुरक्षा प्रदान करने हेतु बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य के लिए तीन करोड़ 55 लाख रुपए की स्वीकृत मिली है, इसी प्रकार ऐतिहासिक तथा धार्मिक महत्व के वेदव्यास मंदिर व कालपी घाट के मध्य सवा किमी. मोटी दीवार निर्माण के साथ पर क्योपाइन लगाने के लिए 9 करोड़ 85 लाख रुपए की धनराशि की स्वीकृति मिली है। रानी लक्ष्मीबाई के किले के जमीन कटान निरोधक कार्य के लिए 5 करोड़ 10 लाख रुपए की स्वीकृति मिली है। यमुना नदी के दाहिने किनारे पर स्थित सिंचाई यांत्रिकी पंप कैनाल की बाढ़ से सुरक्षा प्रदान करने हेतु बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य के लिए 3 करोड़ 33 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई है। क्षेत्रीय विधायक के मुताबिक सभी कार्यों का निर्माण इसी महीने शुरू होने की उम्मीद है। सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता धर्म घोष के अनसार सभी निर्माण कार्य बारिश का मौसम शुरू होने से पहले कराये जायेंगे।