उरई(जालौन)। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार आज आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत का प्रातःकाल जनपद न्यायाधीश तरूण सक्सेना ने फीता काटकर दीप प्रज्ज्वलन करके विधिवत् उद्घाटन किया। जनपद के सभी तहसीलों मे स्थित दीवानी न्यायालयों में भी उक्त आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
जिला दीवानी न्यायालय उरई एवं विभिन्न न्यायालयों में सम्पन्न हुई राष्ट्रीय लोक अदालत में 1,20,708 वादों का निस्तारण किया गया। इनमें बैंकों के बकाया ऋण के 480 मामलों में बैंक एवं बकायेदारों के मध्य रू 84,54,949 रू धनराशि का समझौता कराया गया। श्रीराम सिटी यूनियन फाईनेन्स लिमिटेड द्वारा 80 मामलों में मु. 137400 रू धनराशि वसूल की गयी। आपराधिक प्रकरणों में विभिन्न न्यायालयों ने 9,29,200 रू बतौर जुर्माना धनराशि अभियुक्तों से राजकीय कोष में जमा करायी गयी। इस प्रकार आज करीब सवा लाख वादकारी लाभान्वित हुए।

इस संबंध में जानकारी देते हुए सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रेनू यादव ने बताया कि आज माननीय जनपद न्यायाधीश तरूण सक्सेना के कुशल मार्गदर्शन में सम्पन्न हुई राष्ट्रीय लोक अदालत में माननीय जिला जज द्वारा 40 मुकदमों का निस्तारण किया एवं मु. 1,85,24,036 रू धनराशि पक्षकारों को दिलायी गयी। सचिव श्रीमती रेनू यादव ने बताया कि मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के पीठासीन अधिकारी श्री राजीव कुमार द्वारा 81 मामलों में विपक्षी बीमा कम्पनियों से पीड़ित याचीगण को 2,71,12,686ध्-रू धनराशि क्षतिपूर्ति के रूप में दिलायी गयी।

आज लोक अदालत में कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश जैगम उद्दीन द्वारा 86 मुकदमों का निस्तारण किया गया। उन्होंने 17 दाम्पत्य जोड़ांे का पुर्नमिलन कराते हुये भरण पोषण के मामलों में 35,90000 रू. धनराशि वसूल कर पीड़ित महिलाओं को दिलायी। अपर कुटुम्ब न्यायाधीश श्रीमती अमृता शुक्ला द्वारा 98 मुकदमों का निस्तारण किया गया। उन्होंने भरण पोषण के मामलों में 14,17,893 रू. पीड़ित महिलाओं को दिलाये।जिला उपभोक्ता न्यायालय के पीठासीन अधिकारी विनोद कुमार कटियार द्वारा 07 मुकदमों का निस्तारण करते हुये 1803557 रू याचीगण को दिलवाये गये। अपर जिला जज-प्रथम अरूण कुमार मल्ल, विशेष न्यायाधीश अचंल लवानिया, शिवकुमार एवं अपर सत्र न्यायाधीश मोहम्मद आजाद, ने 11 मुकदमे निस्तारित किये।
विशेष न्यायाधीश (ई.सी. एक्ट) प्रमोद गुप्ता द्वारा विशेष प्रयास करते हुये विद्युत अधिनियम के 659 मुकदमों का निस्तारण किया गया एवं एक प्रकरण में मु0 500 रू अर्थदण्ड भी वसूल कर जमा कराया गया। सीजेएम महेन्द्र कुमार रावत समेत सभी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा 2791 आपराधिक वादों का निस्तारण करते हुये 6,66,010 रू अर्थदण्ड जमा कराया गया। सिविल जज सी.डि. राजीव सरन एवं गजेन्द्र सिंह द्वारा पक्षकारों के मध्य सुलह समझौता कराकर 08 वादों का निस्तारण किया गया।

विशेष न्यायाधीश पाक्सो विजय बहादुर यादव, अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी श्रीमती अन्जू राजपूत, सिविल जज जू.डि. श्रीमती वन्दना अग्रवाल, न्यायिक मजिस्ट्रेट शशांक गुप्ता, श्रीमती प्रियंका सरन एवं वाह्य न्यायालय कोंच के न्यायिक अधिकारी तुषार जायसवाल, जालौन के न्यायिक अधिकारी सुश्री ऋचा अवस्थी, सुश्री नेहा राजन और कालपी दीवानी न्यायालय की न्यायिक अधिकारी सुश्री रागिनी मिश्रा, सुभाष, ग्राम न्यायालय माधौगढ़ की न्यायाधिकारी सुश्री श्वेता यादव और विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट उरई चन्द्रभान द्वारा लोकअदालत में सहभागिता की गयी। इनके अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, अपर जिला मजिस्टेªट सहित सभी उप जिला मजिस्टेªट, नगर मजिस्टेªट और तहसीलदार न्यायालयों द्वारा राजस्व संहिता और फौजदारी के कुल 1774 मामलों सहित प्री-लिटिगेशन प्रकृति के 1,14,600 मामले निस्तारित किये गये।
फोटो परिचय- लोक अदालत में मामले सुनते न्यायिक अधिकारी
फोटो नंबर-2