वृक्षारोपण घोटाला में CM शिवराज और उनकी पत्नी साधना सिंह पर ग्रहमन्त्रलय करवा सकता है FIR दर्ज

केंद्रीय ग्रह मंत्री अमित शाह नाराज, मध्य प्रदेश में वृक्षारोपण घोटाला मुख्यमंत्री शिवराज एवं उनकी पत्नी साधना सिंह पर दर्ज होगी एफआईआर, गृह मंत्रालय ने कसा शिकंजा: केंद्र का चला बुलडोजर, पौधारोपण मामले में दस्तावेजों से बड़ा खुलासा

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के पहले भाजपा में घमासान मचा है, भारतीय जनता पार्टी में अंदर के दुश्मन ही शिवराज के खिलाफ आग उगल रहे हैं l केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मध्य प्रदेश विकास कार्यों की सर्वे रिपोर्टों को देखकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से नाराज हो गए हैं l शिवराज एवं उनकी पत्नी साधना सिंह की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही है, गृह मंत्रालय ने भी उन पर शिकंजा कसा है। वर्ष 2017 में हुए पौधरोपण कथित घोटाले में सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा द्वारा की जा रही है। दरअसल, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आर्थिक अपराध शाखा को पत्र लिखकर जांच करने के लिए कहा है। इस मामले में आधा दर्जन से ज्यादा वन अधिकारियों के खिलाफ भी जांच की जाएगी। मामले में आरोप लगाया गया है कि नर्मदा नदी के किनारे छह करोड़ से ज्यादा पेड़ लगाने के विश्व रिकॉर्ड बनाने की कोशिश के चलते पब्लिक फंड के पैसों का दूसरे लोगों को लाभ पहुंचाने के इरादे से इस्तेमाल किया। शिवराज एवं उनकी पत्नी साधना सिंह ने जांच छुपाने के लिए काफी प्रयास किए थे। शिवराज की कार्यशैली से केंद्रीय नेतृत्व नाराज है, विश्व रिकॉर्ड बनाने के नाम पर शिवराज ने सिर्फ ढोंग किया। ग्नीज़ बुक वर्ड रिकार्ड के मुताबिक महज 4.5 फीसदी पौधरोपण मापदंडों के तहत किया गया था। केंद्रीय मंत्रालय ने आरोप लगाते हुए कहा कि 455 करोड़ रुपये की वृक्षारोपण परियोजना में बड़े पैमाने पर विसंगतियां पाई गई हैं। पौधे गुजरात और महाराष्ट्र से मंगवाए गए थे। जबकि गड्ढे खोदने के लिए जेसीबी मशीन का उपयोग किया गया कई स्थानों पर गड्ढे खोदे नहीं गए। इस मामले में तत्काल अधिकारियों और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के खिलाफ जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी गई है। वन विभाग द्वारा दिखाए गए दस्तावेज़ों से पता चलता है कि तत्कालीन अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक बीबी सिंह को परियोजना का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया था और सेवानिवृत्त पीसीसीएफ वाई सत्यम को अनुबंध के आधार पर राज्य योजना आयोग में एक विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त किया गया था। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, रोपण के लिए 1.21 लाख से अधिक स्थानों की पहचान की गई और 7.10 करोड़ पौधे लगाए गए l

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