जिले में बाढ़ से प्रभावित गावं/परिवारों के सर्वेक्षण व राहत/मुआवजा दिलाने की उठाई माँग

▪️बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच की टीम ने बाढ़ क्षेत्र का दौरा कर सौंपा 5 सूत्रीय ज्ञापन

उरई(जालौन) : बुंदेलखंड बैसे तो सूखा ग्रसित क्षेत्र है लेकिन पिछले 2 साल से पंचनद व यमुना नदी के किनारे के गावँ में भयंकर बाढ़ आ रही है, क्योंकि बाहर डेमों से यहाँ पानी छोड़ा गया है।और इसके कोई ठोस इंतजाम नही है जिससे कई गावँ/परिवार बुरी तरह प्रभावित हुए है,
पिछले एक सप्ताह से यहाँ बाढ़ का कहर है। जिसको लेकर सामाजिक संगठन बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच व जलवायु परिवर्तन व आपदा निवारण समिति के सदस्यों ने 5 सूत्रीय मांगपत्र मुख्यमंत्री को संबोधित जिलाधिकारी कार्यालय में सौपा।
ज्ञापन देने आये जितेंद्र कुमार गौतम, मधु अनुरागी, रबिन्द्र ने कहां की बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच के टीम के साथ हमनें बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया है जहां ब्लॉक रामपुरा के ग्राम कुसेपुरा,निनावली, दिकौली, बिलौड़ और कुठोंद ब्लॉक के ग्राम नेनापुर,मसगायें,शंकरपुर,भादेख आदि गाँव में भयंकर बाढ़ का प्रकोप है| कुछ गाँव में जा कर लोगो से पूछताछ भी की जिसमे निनावली व कुसेपुरा प्रधान प्रतिनिधि – विकास व भानु सिंह ने बताया बाढ़ से बचने के लिए हमारे क्षेत्र में कोई सेल्टर होम की व्यबस्था नही है| कुठोंद ब्लॉक के ग्राम मसगायें की अभिलाखा ने बताया कि वह मिर्ची की फसल करती है और इसी से जीवन यापन करती जो बाढ़ के वजह से खत्म हो चुकी है। महेवा उरकरा गावँ के रामकुमार ने कहा हमारे यहाँ नाव व स्टीमर की कोई व्यवस्था नहीं है,महिलाएं व बच्चे और जानवर पिछले चार से पांच दिन से फंसे हुए हैं इस वजह से खाने पीने और स्वास्थ्य की समस्या उत्पन्न हो गयी | मगरोल के रामबाबू ने बताया कि 67 की उम्र में सिर्फ इस तरह बाढ़ दो बार देखी थी लेकिन तब भयंकर बारिश की बजह से आती थी लेकिन पिछले लगातार दो वर्ष से बांध के फाटक खुलने के बजह से बाढ़ आती है जो मानव निर्मित है|और इसके लिए सरकार की और से ठोस इंतजाम होने चाहिए थे !
ब्लॉक कदौरा के रेला, एकोना, पाली, अभिरवा, आदि गांव भी चपेट में है| रेला के उमेश कुमार व श्याम सुन्दर ने बताया की सभी हरा चारा डूब गया और सूखा भूसा पानी की वजह से खत्म हो गया जानवरों को खिलाने के लिए कुछ नहीं हैं, जानवर भूख से मर रहे है एकोना के सुरेश ने बताया कि मेरा गाँव बाद की चपेट में है स्टीमर की व्यवस्था है पर उसमे डीजल नही है| सुनिया पुत्री हरिया उम्र 17 बर्ष बीमार हो गई है तो उसे स्वास्थ्य केंद्र कदौरा नही ले जा पा रहे है। मिरतीलाल ने बताया कि हमारे दलित समाज के 25 से 30 परिवार के घर पूरी तरह से डूब गये है|
बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच के संयोजक कुलदीप कुमार बौद्ध ने कहाँ बुंदेलखंड हमेशा से आपदाप्रभावित रहा है,इसआपदा में भी 84 से अधिक गावँ में कई हजार परिवार प्रभावित हुए है जिस पर सरकार व प्रशासन को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। फ़िलहाल बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच की टीम अपने वालंटियर्स के माध्यम से सर्वेक्षण का कार्य करेगी व यथास्थिति रिपोर्ट को सोपेंगे, आज जो 5 सूत्रीय ज्ञापन दिया गया है इस पर विशेष कारवाही हो, ताकि इस बाढ़ की आपदा से प्रभावित परिवारों को तात्कालिक राहत मिल सके।

ज्ञापन की 5 सूत्रीय मांगें –

1 – जिले में बाढ़ से प्रभावित सभी गावं/परिवारों का सर्वेक्षण किया जाये ! व उस अनुसार उन्हें रहत व मुआवजा दिया जाये !

2 – बाढ़ से प्रभावित परिवारों को तत्काल प्रभाव से राहत व मुआवजा दिया जाये !

3 – गावं में जिन परिवारों के घर नष्ट हो गए है उन्हें आवास दिए जाएँ, व जिनकी फसल नष्ट हो गयी है उनको फसल मुआवजा दिया जाये !

4 – बाद से प्रभावित परिवारों की खाध्यान व्यबस्था की जाये व पशुओं के लिए भी चारा पानी आदि की ब्यवस्था की जाये !

5 -जिन गांव में अभी भी जल भराव है व आने जाने की व्यबस्था नहीं है वही स्टीमर आदि की व्यवस्था की जाये व सभी प्रभावित परिवारों को आपदा रहत पैकिट खाध्यान इत्यादि की व्यवस्थ की जाएँ !