गाँव की सांस्कृतिक धरोहर की सूचना को अब मोबाइल में कैद किया जायेगा, जिसके लिये भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय और सीएससी के मध्य पिछले दिनों अनुबन्ध किया जा चुका है। जनपद जालौन में इस योजना का ट्रायल भी किया जा चुका है पाईलेट सर्वे के दौरान जिले के कुछ पंचायतो में सीएससी कर्मी के द्वारा सर्वे का कार्य किया भी जा चुका है।

जनपद के सभी गाँवों की सांस्कृतिक सूचना विशेष मोबाईल ऐप के जरिये एकत्र का काम कोमन सर्विस सेंटर संचालकों द्वारा सर्वे कर किया जाना है जिसके क्रम में विकास भवन सभागार में सीएससी संचालको का प्रशिक्षण आज दिनांक 25-04-2022 को कराया गया। जिसके बाद संचालको द्वारा इस कार्य किया जाना है।
यह कार्य देश में पहली बार किया जा रहा है जिसको भारत सरकार द्वारा मेरा गाँव मेरी धरोहर नाम दिया गया है।
इस योजना के तहत जिला जालौन मे विकास भवन सभागार में संचालको की ट्रेनिंग करायी गयी जिसमे कुल 104 संचालक मौजूद रहे।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत सीएससी कॉमन सर्विस सेंटर और केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्रालय भारत सरकार के साझा सहयोग से पहली बार यह कार्य किया जा रहा है, जिसको मेरा गाँव मेरी धरोहर नाम दिया गया है। शब्द से सीधा आशय है कि गाँव की विरासत इस सर्वे के दौरान 9 विशेष बातों को दर्ज किया जाना है।
सांस्कृतिक धरोहर/ मेरा गाँव मेरी धरोहर
सांस्कृतिक शब्द से सीधा मतलब ही कि कोई ऐसी चीज जिसमे कुछ विशेष हो ,या वह पुरानी हो सरकार ऐसी सभी चीजो को इकठ्ठा कर इन चीजो कि प्रति लोगो का ध्यान आकर्षित करना चाहती है इसमे गाव के नागरिको के सहयोग से गाँव ,ब्लाक ,जिले विशेष बनाती है उसकी खासियत को दर्ज किया जायेगा साथ ही उस से सम्बंधित फोटो ,विडियो और उसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी भी अपलोड किये जायेगे उसको मोबाइल ऐप के माध्यम से दर्ज किया जाना है

ये जानकारी होगी दर्ज
इस सर्वे के दौरान गाँव के लोगो से कुछ जानकारी ले कर दर्ज करना है जिसमे गाव कि खास पहचान क्या है , गाँव कि खास सांस्कृतिक पहचान ,गाव के प्रसिद्ध स्थान ,प्रसिद्ध किवदंती ,प्रसिद्ध व्यक्ति ,विशेष पकवान ,विशेष आभूषण ,विशेष आदि।