हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला से करीब 7 किलोमीटर दूर पट्टाघाट के पास भगवान शिव का मंदिर है। इस देवभूमि में पहाडों के बीच एक ऐसी रहस्यमयी गुफा है जिसमें शिला थपथपाने से डमरू बजने की आवाजें आती हैं। मगर इससे ज्यादा रहस्यमयी यहां बने शिवलिंग हैं। दुर्गम पहाड के बीच बनी इस गुफा के बारे में आज तक ज्यादातर लोग नहीं जानते। इस जगह को शिवढांक के नाम से जाना जाता है। गुफा तक पहुचंचे के लिए दुर्गम रास्ते से होकर गुजरना पडता है।

शिवलिंग सदियों से यहां इसी हालत में… गुफा के अंदर शिवलिंग बना है जिस पर निरंतर सफेद रंग का पानी गिरता रहता है। चौंकाने वाली बात ये है कि ये पानी गुफा के भीतर ही छत से चार थन रूपी पत्थरों से गिरता रहता है। इसमें से दो थन अब टूट गए हैं मगर बाकी दो से लगातार पानी नीचे बने शिवलिंग पर गिरता रहता है। वहीं, गुफा के प्रवेश पर ही एक विशाल शिला है जिसे थपथपाने से पूरी गुफा डमरू बजने की आवाजों से गूंजने लगती है। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि ये शिवलिंग सदियों से यहां इसी हालत में हैं। इन पर खुद ब खुद पानी गिरता रहता है। माना जाता है कि कभी भगवान शिव ने इस गुफा के भीतर तपस्या की थी और फिर वे बाद में शिवलिंग के रूप में यहां स्थापित हो गए। मंदिर के प्रति लोगों काफी आस्था है। आए साल यहां हजारों लोग भगवान शिव के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। शिवरात्रि पर यहां खास आयोजन होता है। स्थानीय लोग मानते हैं कि यहां हर मनोकामना पूरी हो जाती है।