बसपा ने साधी किसानों पर चुप्पी

कहावत है सीमा पर जवान खेत पर किसान ,लेकिन सीमा पर जवान तो है पर खेत में किसान नहीं। किसान दिल्ली की सड़कों पर आंदोलन कर रहा है जब से मोदी जी द्वारा किसान बिल लाए हैं तब से किसानों ने बिलों का विरोध करना शुरू कर दिया है। किसानों के अनुसार सरकार द्वारा लाया गया बिल किसानों के हित में नहीं बल्कि किसानों का अहित कारी बिल है जिसका विरोध किसान और किसान संगठन बृहद स्तर पर दिल्ली में इकट्ठा होकर कर रहे है। देश के कई जगहों पर किसानों का विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है ।
मामला जनपद के उरई शहर का है जहाँ सभी राजनैतिक दलों के नेताओं ने मिलकर किसानों के समर्थन में उतर कर गांव-गांव और सभी ब्लॉक सभी तहसीलों में जाकर सभी किसानों को इकट्ठा करने की बात कही। सर्वदलीय बैठक के संयोजक कामरेड कैलाश पाठक ने बताया की सरकार किसानों की मांगों को लेकर जिस तरह अड़ियल रवैया अपनाये हुए हैं उसको देखते हुए अब समय आ गया है कि सभी दलों को इकट्ठा होने की जरूरत है। जब तक सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानती है तब तक किसान संघर्ष मोर्चा किसानों के समर्थन में जिले में ब्लॉक में तहसीलों में और गांव गांव जाकर किसानों को एकजुट करेगी। उन्होंने बताया कि आने वाली 13 तारीख को सरकार द्वारा पारित किसान बिल की प्रतियां हम लोग गांधी चबूतरा पर जलाकर इन बिलों का विरोध प्रदर्शन करेंगे।

इस दौरान कांग्रेस के पूर्व विधायक विनोद चतुर्वेदी ने कहा कि अब समय आ गया है कि सभी दलों को किसानों के समर्थन में खड़ा होना पड़ेगा ।

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक गुप्ता महाबली ने बताया कि अब जरूरत है एक बड़े आंदोलन की जिसमें जवान, किसान ,श्रमिक, समाज के सभी वर्गों के लोगों को जोड़कर आंदोलन को सफल बनाने के लिए एक मंच पर इकट्ठा करने की। सरकार के अड़ियल रवैया  के खिलाफ सभी दल इकट्ठा हो जिससे सरकार को अपने फैसले को वापस लेना पड़े।

रिपोर्ट:श्यामजी सोनी जालौन