भारत के आखिरी गांव पहुंचे सीएम योगी, जवानों का बढ़ाया हौसला

🕺🏼’भारत माता की जय’ के नारे से गूंजी देवभूमि

🕺🏼राष्ट्रधर्म का निर्वहन कर रहे जवानों का राष्ट्र सेवा भाव प्रेरणास्पद: योगी आदित्यनाथ

उत्तराखंड यात्रा पर गए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को ‘देश के आखिरी गांव’ माणा पहुंचे। सीएम योगी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ भीम पुल एवं सरस्वती पुल का भ्रमण भी किया। मुख्यमंत्री योगी, आईटीबीपी, गढ़वाल राइफल्स और बीआरओ के जवानों से मिले और उनके राष्ट्रसेवा भाव को नमन करते हुए जवानों का मुंह मीठा कराया। आईटीबीपी के जवानों ने मुख्यमंत्री को सलामी भी दी।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आईटीबीपी, बीआरओ तथा गढ़वाल राइफल्स के जवानों का उत्तराखंड की सम-विषम परिस्थितियों में अडिग रहकर इस सीमांत प्रदेश में देश की सुरक्षा करना प्रेरणास्पद है। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ धाम सनातन हिन्दू धर्म का केंद्र है तो इस सीमांत गांव माणा में हमारे वीर जवान राष्ट्रधर्म का निर्वहन कर रहे हैं। आज वर्षों बाद बद्रीनाथ धाम के दर्शन के सुअवसर का लाभ मिला तो सैनिकों से मिलने का लोभ संवरण नहीं कर सका। दोनों मुख्यमंत्रियों को अपने बीच पाकर जवान भी खासे निहाल थे। जवानों ने ‘भारत माता की जय’ के नारे के साथ दोनों मुख्यमंत्रियों का अभिनन्दन किया।

इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने भगवान श्री बद्री विशाल का दर्शन एवं पूजा-अर्चना कर दोनों राज्य वासियों एवं सभी देशवासियों की सुख-समृद्धि एवं मंगलमय जीवन की कामना की। इस अवसर पर  उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बदरीनाथ धाम में बर्फ के कारण यातायात एवं अन्य व्यवस्था सुचारु रखने के लिए जनपद चमोली को ₹1 करोड़ देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तराखंड के चारों धाम पर्यटन के विकास एवं श्रद्धालुओं की श्रद्धा व आस्था के सम्मान को ध्यान में रखते हुए आज की आवश्यकता के अनुरूप विकास की जिन नई ऊंचाईयों को छूते हुए दिखाई दे रहे हैं, वह अत्यंत सराहनीय एवं अभिनंदनीय है।

सीएम योगी ने कहा कि उत्तराखंड मेरी जन्म भूमि भी है, मैंने अपना बचपन उत्तराखंड में ही बिताया है। पिछले तीन दिनों से यहां के तीर्थ स्थलों के दर्शन करने करने का सौभाग्य मिला। यहां पर नया सीजन प्रारम्भ होने पर पर्यटन आवास गृह का कार्य भी प्रारम्भ होगा। हमारा प्रयास है कि एक वर्ष के भीतर यह कार्य पूर्ण कर लिया जाए।

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